खान यूनिस में चल रही भीषण लड़ाई के बीच इजरायल और हमास के बीच 30 दिन के युद्धविराम को लेकर बातचीत में प्रगति हुई है। इस दौरान इजरायली बंधकों के बदले में फलस्तीनी कैदी भी रिहा किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त गाजा में ज्यादा राहत सामग्री की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाएगी। इजरायल और हमास के बीच वार्ता में इस बार भी कतर, मिस्र और अमेरिका मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।
गाजा में फलस्तीनियों की सरकार गठन करने की कोशिश
इजरायल सरकार के प्रवक्ता ईलोन लेवी ने कहा है कि हमास सत्ता में रहे और बंधक गाजा में रहें, इस पर कभी समझौता नहीं हो सकता है। इस बीच अमेरिका युद्ध के बाद की स्थितियों की तैयारी में जुटा हुआ है। अमेरिका की कोशिश है कि हमास को अलग रखते हुए गाजा में फलस्तीनियों की सरकार का गठन हो जाए।
इसके लिए वेस्ट बैंक में कार्यरत फलस्तीनी प्राधिकार को तैयार किया जा रहा है। वहां के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ अमेरिका की कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। लेकिन हमास ने साफ कर दिया है कि गाजा पट्टी के भविष्य का फैसला अमेरिका नहीं, गाजा के स्वतंत्र लोग करेंगे। यही लोग जनादेश सुनाएंगे।
राहत सामाग्री की आपूर्ति के लिए युद्धविराम जरूरी
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा है कि अमेरिका बंधकों की रिहाई और राहत सामग्री की समुचित आपूर्ति के लिए युद्धविराम चाहता है। युद्धविराम पर कतर और मिस्त्र ने फिलहाल कुछ कहने से इन्कार कर दिया है। गाजा में 110 दिनों की लड़ाई में इजरायली सेना मध्य गाजा और खान यूनिस शहर पर नियंत्रण नहीं कर पाई है। बीते कई हफ्तों से इन दोनों स्थानों पर भीषण लड़ाई चल रही है। इन्हीं स्थानों पर इजरायली सेना को बीते दो दिनों में भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इससे बौखलाई इजरायली सेना ने बुधवार को गाजा में बड़े हमले किए। इन हमलों में 210 लोग मारे गए हैं जबकि 386 घायल हुए हैं। इन्हें मिलाकर गाजा में सात अक्टूबर के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 25,700 हो गई है। इस बीच इजरायली सेना ने खान यूनिस में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय को खाली करने के लिए कहा है।
खान यूनिस में उलझी इजरायली सेना
खान यूनिस में इजरायली सेना फलस्तीनी लड़ाकों से लड़ाई में उलझ गई है। वहां पर हमास के साथ ही इस्लामिक जिहाद ग्रुप के सैकड़ों लड़ाके इजरायली सैनिकों से गुरिल्ला लड़ाई लड़ रहे हैं। इस्लामिक जिहाद के अनुसार उसके लड़ाके शहर में तीन स्थानों पर इजरायली सैनिकों को उलझाए हुए हैं। ये लड़ाके इजरायली सेना को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोमवार-मंगलवार को दो दर्जन से ज्यादा इजरायली सैनिक मारे गए हैं।