स्वास्थ्य मंत्री का दावा- समलैंगिकता नहीं है बीमारी…

लैंगिक-रुझान को बदलने का उपचार अमेरिका में जड़े जमा रहा है और इसका इस्तेमाल समलैंगिक या ट्रांसजेंडर किशोरों के माता-पिता उनकी इच्छा के विरुद्ध कर रहे हैं. कुछ तकनीकों में ‘टेस्टोस्टेरोन’ की बड़ी मात्रा के इंजेक्शन भी शामिल हैं, जबकि अन्य लोगों को बिजली के झटके दिए जाते हैं.


जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने कहा है कि वे लैंगिक-रुझान बदलने का दावा करने वाले उपचार पर पाबन्दी लगाने की मांग करेंगे. स्पान ने कहा है कि, ”समलैंगिकता कोई बीमारी नहीं है, इसलिए इसके उपचार की कोई आवश्यकता नहीं है.” दरअसल, जेन्स स्पान स्वयं एक समलैंगिक हैं. स्पान ने वाम झुकाव वाले अखबार ‘डाई ताजेसजेईतुंग’ से कहा है कि वे आशा करते हैं कि वर्ष के मध्य तक इस तरह के इलाजों पर पाबन्दी लगाने वाले जर्मन कानून को अपना लिया जाएगा.

स्पान ने कहा, ”मैं इन इलाजों में यकीन नहीं करता, मुख्य रूप से अपनी समलैंगिकता की वजह से.” उल्लेखनीय है कि स्पान चांसलर एंजेला मर्केल के रूढ़िवादी सीडीयू पार्टी के दक्षिणपंथी का प्रतिनिधित्व भी करते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अगर इसके लिए वोटिंग हुई तो अपने सहयोगियों से समर्थन मिलने की आशा कर रहे हैं. आपको बता दें कि भारत ने भी समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से मुक्त कर दिया है, ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है

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