इजरायल में बनी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल स्पाइक की खरीद के लिए भारत ने एक बार फिर से कदम बढ़ाए हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दौरे से ठीक पहले नवंबर 2017 में भारत ने 50 करोड़ डॉलर (करीब 3,400 करोड़ रुपये) के इस मिसाइल सौदे को रद्द कर दिया था। इससे दोनों देशों के रक्षा संबंधों को झटका लगा था।
बाद में जनवरी में नेतन्याहू के दौरे में उन्हें सौदे पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया गया था। यह उन्नत मिसाइल इजरायल की सरकारी क्षेत्र की कंपनी राफाएल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स बनाती है। अब इस सौदे में किसी बिचौलिये को न रखने की योजना है। अब यह सौदा दोनों देशों की सरकारों के बीच होगा।
सौदे को रद्द करते समय कहा गया था कि रक्षा उपकरणों को विकसित करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय संस्था रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इसी तरह की एंटी टैंक मिसाइल बना रही है। इसके शुरुआती परीक्षण सफल रहे हैं और कुछ वर्षों में स्वदेशी एंटी टैंक मिसाइल भारतीय सेना को मिलनी शुरू हो जाएंगी। लेकिन हाल के महीनों में इस प्रक्रिया में कुछ बाधा आई। कहा गया कि स्वदेशी मिसाइल मिलने में तीन साल तक का समय लग सकता है।
इसी के बाद सरकार ने फिर से इजरायल से मिसाइल सौदा करने का फैसला किया। लेकिन इस बार यह सौदा दोनों सरकारों के बीच होगा। अचूक निशाना लगाने के लिए प्रसिद्ध इजरायल की यह मिसाइल दुनिया में अपनी तरह की सबसे अच्छी मिसाइल मानी जाती है। स्पाइक मिसाइल बनाने वाली कंपनी राफाएल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने भारत सरकार की इस नई पहल पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।