प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चीफ और डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे के साथ लेह पहुंच गए।
उन्होंने सीमा पर अग्रिम मोर्चे नीमू का जायजा लिया। इसे लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि देशवासियों को अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है जो जवानों का हौंसला बढ़ाने के लिए पहुंचे।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘सौगन्ध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा। गर्व है देशवासियों को अपने प्रधानमंत्री पर जो आज स्वयं लेह पहुंच कर सेना के वीर जवानों का उत्साह वर्धन कर रहे हैं।’
नीमू पहुंचकर पीएम मोदी ने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। नीमू करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है जो सबसे कठिन परिस्थिति वाली जगह मानी जाती है।
ये जगह जांस्कर रेंज से घिरी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदा स्थिति की पूरी जानकारी दी।
सीडीएस जनरल रावत आज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ अपनी तीनों सेनाओं की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पूर्वी लद्दाख में हैं।
साथ ही सीमा पर तनाव कम करने की प्रक्रियाओं के बारे में भी वह जानकारी लेंगे। जनरल रावत सेना प्रमुख के तौर पर चीनी सेना के समक्ष खड़े रह चुके हैं। वर्ष 2017 में दोकलम में 73 दिनों तक भारतीय सेना चीनी सेना के समक्ष डटी रही थी।