बॉलिवुड अभिनेता सैफ अली खान इन दिनों अपनी रिलीज़ होनेवाली फिल्म कालाकांडी के प्रमोशन में जुटे हैं।सैफ ने फिल्म की कहानी और विषय को अपनी निजी जिंदगी से जोड़कर नशे की बुरी लत और बचपन में अपनी शैतानियों से अम्मा शर्मीला टैगोर को सताने से जुड़े किस्सों को शेयर किया। सैफ ने बताया की कई बार तो उनकी शैतानी इतनी ज्यादा हो जाती थी कि उनके अब्बा उनकी पिटाई बेल्ट से करते थे। अपनी फिल्म की कहानी को निजी जिंदगी से जोड़ते हुए सैफ कहते हैं, ‘जब किसी का अंतिम समय आनेवाला होता है तो क्या होता है… कभी गंभीरता से सोचा नहीं लेकिन फिल्म कालाकांडी करने के बाद समझ गया हूं कि जब कोई मरने वाला होता है तब वह अपनी महत्वपूर्ण चीजों के लिए सचेत हो जाता है, मरनेवाले के लिए सिर्फ बेहद जरूरी चीजें सामने होती हैं। वह दुनियादारी की बातों में ध्यान नहीं देता है।’
सैफ आगे बताते हैं, ‘मैंने अपनी जिंदगी यह सोच कर जी है कि कल कुछ भी हो सकता है, इसलिए आज को जीभर के जीना है। हो सकता है कल मेरा अंतिम दिन न हो इसलिए बैंक में कुछ जमापूंजी तो होना ही चाहिए लेकिन कल जीने के चक्कर में सब कुछ बैंक में नहीं होना चाहिए। इसलिए जीवन में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। अनुभव या एक उम्र के बाद जीवन जीते समय नियंत्रण बना रहता है।’
एक समय था जब सैफ को लगातार सिगरेट पीने की बुरी आदत थी लेकिन अपने डॉक्टर की सलाह के बाद उन्होंने सिगरेट से तौबा कर लिया था सैफ बताते हैं, ‘करीना से शादी के पहले मैं चैन स्मोकर था लेकिन मेरे डॉक्टर ने कहा कि यदि आपने सिगरेट नहीं छोड़ी तो मर जाओगे बस मैंने उसी समय सिगरेट का त्याग कर दिया था।’
इन दिनों यूथ में नशे की बढ़ती बुरी लत पर सैफ कहते हैं, ‘नशा शुरू से ही समाज और देश के लिए बहुत बड़ी समस्या रही है… लेकिन इस समय यूथ में अलग-अलग तरह के नशे को लेकर कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी है। यूथ को बहुत कुछ करना है और उनके अंदर बहुत कुछ करने की ताकत है, यदि यूथ सही रास्ता नहीं अपनाएगा तो उनके लिए नशे का रास्ता आसान हो जाएगा। मुझे लगता है किसी को नशे से दूर रखने के लिए सबसे ज्यादा मदद दोस्तों का ग्रुप करता है। आजकल इस मामले में बच्चे अपने माता-पिता और टीचर की बात कम ही सुनते हैं लेकिन दोस्तों की बातों का असर उनमें ज्यादा होता है। यूथ को नशे से दूर रखने के लिए स्पोर्ट्स का सहारा भी लेना चाहिए।’
बेटे इब्राहिम के दोस्तों और परवरिश पर बात करते हुए सैफ कहते हैं, ‘हमें बेटे इब्राहिम के दोस्तों को लेकर कोई चिंता नहीं होती है, इब्राहिम के दोस्त वही लोग हैं जो एक परिवार बन गया है, जैसे इब्राहिम की दोस्ती साजिद नाडियाडवाला के बेटे और मलाइका अरोरा के बेटे के साथ है, सब परिवार के बच्चे हैं, हम सब एक दूसरे को अच्छी तरह जानते समझते हैं, इसलिए कोई चिंता नहीं होती है।’
बचपन में अपनी शैतानियों और बाद में होने वाली पिटाई के बारे में सैफ बताते हैं, ‘मैं बचपन में बहुत ज्यादा ही शैतान था। जब मैं 17 साल का था और इंग्लैंड में हॉस्टल में रहते हुए पढ़ाई करता था, तब एक बार मुझे एक पार्टी के लिए रात में बाहर जाना था लेकिन हॉस्टल से रात में बाहर जाने की बिल्कुल भी परमिशन नहीं थी, ऐसे में चोरी
सैफ आगे कहते हैं, ‘मैंने तो अपनी अम्मा से भी खूब मार खाई है, अम्मा को भी खूब सताया है, अम्मा बिल्कुल भी नहीं चाहती कि बेटा तैमूर मेरे जैसा बच्चा हो। एक बार मैं किसी परीक्षा में फेल हो गया था तो मुझे घर से बाहर निकलने की परमिशन नहीं थी, अम्मा ने मुझे घर से बाहर निकलने के लिए साफ मना किया था और कमरे में बंद कर दिया था, लेकिन मैं तो अपने कमरे की खिड़की से कूदकर गार्डन से होते हुए बाहर निकल गया, जब रात में 2 बजे खिड़की के रास्ते कमरे में पहुंचा तो मेरे बिस्तर पर कोई सो रहा था, पास जाकर देखा तो अम्मा बिस्तर में थीं, उन्हें जगाया उसके बाद मेरी जोरदार पिटाई हुई थी, अम्मा मेरी पिटाई मेरे बालों को हाथ में जोर से पकड़ कर किया करती थीं ताकि पिटाई के वक्त मैं भाग न सकूं। मैंने अपनी मां को खूब सताया है, अब अगर मैं कहता हूं तैमूर अगर मेरे जैसा हुआ तो क्या होगा? तब अम्मा कहती है ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता।’
6 किरदारों की कहानी वाली इस फिल्म में जब सैफ को पता चलता है कि उन्हें कैंसर है तो वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं और उनकी हालत अजीब हो जाती है। बता दें, फिल्म में सैफ के अलावा अक्षय ओबेरॉय, दीपक डोबरियाल, विजय राज, कुणाल रॉय कपूर और अमायरा दस्तूर जैसे स्टार्स नजर आएंगे। इससे पहले सैफ ‘रंगून’ और ‘शेफ’ में नजर आए थे लेकिन बॉक्स ऑफिस पर दोनों ही फिल्में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं। 12 जनवरी को रिलीज होने वाली इस डार्क थ्रिलिंग कॉमिडी का निर्देशक अक्षत वर्मा ने किया है।