शिवसेना के मुखपत्र सामना में सोमवार के संपादकीय में लिखा गया है कि सरकार को पाक अधिकृत कश्मीर को वापस लेने की अनुमति देनी चाहिए. बता दें, आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा था कि अगर सरकार आदेश देती है तो PoK को वापस लेने के लिए सेना कदम उठाएगी.

आर्मी चीफ के इस बयान के बाद सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है कि सरकार को टुकड़े-टुकड़े गैंग के खिलाफ सिर्फ बोलने के बजाय कार्रवाई करनी चाहिए. सामना के संपादकीय में लिखा है, “सेना को भारत का नक्शा दीजिए और कार्रवाई करने को कहिए.
भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने शनिवार को कहा कि उत्तरी और पश्चिमी दोनों ही सीमाएं भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं और यदि सरकार इजाजत दे तो बल प्रयोग कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को अपने कब्जे में लिया जा सकता है.
दोनों ही सीमाओं पर बलों और हथियारों की तैनाती फिर से संतुलित किए जाने की बात करते हुए सेना प्रमुख ने कहा, “यदि संसद चाहती है कि उस इलाके को कब्जे में लिया जाना चाहिए तो हम यह जरूर करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.”
पिछले साल तत्कालीन सेना प्रमुख और वर्तमान में देश के पहले सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि पाकिस्तान पीओके पर गैर-कानूनी रूप से कब्जा किए हुआ है.
जनरल रावत ने कहा था, “वास्तव में, इस क्षेत्र पर पाकिस्तानी प्रशासन का नहीं, बल्कि आतंकवादियों का कब्जा है. पाकिस्तान के प्रशासन वाला कश्मीर वास्तव में आतंकवादियों द्वारा संचालित होता है.”
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