सूर्यास्त के बाद भटकते है इस किले में भूत…

हॉन्टेड का नाम सुनते ही सभी घबरा जाते है. हॉन्टेड प्लेस और किले की बात करे तो जहां कुछ अजीब सा एहसास होता मतलब किसी के न होते हुए भी किसी के होने का आभास होता है. ऐसे ही प्लेस और किले हमारे भारत में भी है. आइये आज हम आपको भानगढ़ का भूतिया किले के बारे में बताते है.

यह किला ‘भूतो का भानगढ़’ नाम से काफी फेमस है. क्या आप जानते है इस किले की कहानी बहुत ही रोमांचक है. यह गांव 16 वी शताब्दी का है. भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्तिथ है जिसे भूतिया किला कहा जाता है. इस किले का निर्माण आमेर के राजा भगवंत दास ने 1573 में किया था और 300 सालो तक यह आबाद रहा, लेकिन यहां कि एक खूबसूरत राजकुमारी रत्नावती पर, काले जादू में महारथ तांत्रिक सिंधु सेवड़ा आसक्त हो गया.

जो राजकुमारी को अपने वश में करने के लिए उन पर काला जादू करने लगा है लेकिन वह यह नहीं जनता था की उन्हें वश में करने बजाये खुद ही शिकार हो जायेगा और इस तांत्रिक ने मरते-मरते इस किले को श्राप दे दिया. जिसके पश्चात कुछ महीने के बाद पड़ौसी राज्य ओर भानगढ़ के बीच लड़ाई हुई. जिसमे राजकुमारी और सारे भानगढ़ वासी मारे गए है और तब से यह भानगढ़ सुना हो गया.

तब से अब तक यह किला वीरान पड़ा है. लोगों का कहना है लड़ाई में जो लोग मारे गए थे. उन लोगों की आत्माएं अभी भी यहा है और वे सूर्यास्त के बाद इस किले में भटकते है.

तांत्रिक के श्राप की वजह से इन लोगों को मुक्ति नहीं मिल पा रही है. यह कहानी सुनने में थोड़ी अजीब है लेकिन यह बात बिल्कुल सही है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा खुदाई के बाद इस बात की काफी सबूत मिले हैं और इन्होने सूर्यास्त के बाद इस किले में किसी को भी रूकने की इजाजत नहीं दी.

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