सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। इसी बीच बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने अभिनेता की आत्महत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। वहीं इसपर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार को टिप्पणी की है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा है कि हमने बारिशों में भी, जलते हुए मकान देखे हैं।
संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, ‘सजय ऊवाच: ‘उनसे कहना की.. किस्मत पे इतना नाज ना करें.. हमने बारिशों में भी, जलते हुए मकान देखे हैं…’ जय महाराष्ट्र!!’ राउत से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार ने भी जांच का जिम्मा सीबीआई को देने पर टिप्पणी की। एनसीपी नेता ने कहा कि कहीं इसका भी हाल दाभोलकर हत्या मामले की तरह न हो जाए जो अभी तक अनसुलझा है।
शिवसेना ने गुरुवार को दावा किया कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले का राजनीतिकरण मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की छवि खराब करने के लिए हुआ है। शिवसेना ने पूछा कि यदि पटना में दर्ज की गई एफआईआर सही थी, तो यदि मामले से संबंधित अन्य पात्र पश्चिम बंगाल में एफआईआर दर्ज करते हैं, तो क्या कोलकाता पुलिस को इसकी जांच करने का अधिकार मिल जाएगा?
महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि मामले में मुंबई पुलिस की जांच अंतिम चरण में थी जब इसे रोक दिया गया और बिहार सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इसे सौंप दिया गया। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि भले ही अदालत को मुंबई पुलिस की जांच में कुछ भी गलत नहीं मिला लेकिन मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।