याचिका में कहा गया है कि जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़े, वो कम से कम ग्रेजुएशन डिग्री धारक हो. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की एक जनहित याचिका मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने आई है. इसमें राजनेताओं की संलिप्तता वाले आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन के साथ ही विभिन्न निर्देश जारी करने की मांग की गई है.

देश की सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर राजनीतिक दलों को निर्देश देने की मांग की गई है कि, चुनाव की अधिसूचना के समय ऐसे प्रत्याशी ही मैदान में उतारे जाएं जिनकी आयु 75 से कम हो. राजनेता की आयु के साथ-साथ याचिका में उनकी पढ़ाई को लेकर अधिसूचना जारी करने के लिए मांग की गई है.
उपाध्याय ने अपनी नई अंतरिम याचिका में कहा है कि विधायक-विधान पार्षदों और सांसदों को मिले विशेषाधिकार और रियायतों के मद्देनज़र चुनाव के दौरान अशिक्षित प्रत्याशियों को उतारने से दलों को रोकने के लिए शर्तें लगाना सही कदम होगा. याचिका में कहा गया है कि विधायक-सांसदों का कार्य लोकतंत्र के लिए काफी अहम् है और कोई वजह नहीं है कि उन्हें नगर पार्षदों और ग्राम प्रधानों से कमतर दर्जे के होने चाहिए. याचिका में कहा गया है कि कई राज्यों में नगर पार्षद और ग्राम प्रधान के पदों के लिए अशिक्षित प्रत्याशियों को योग्य नही समझा जाता.
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