सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्ज में डूबी एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए आर्सेलर मित्तल की बोली को मंजूरी देने के एनसीएलएटी के आदेश को रद्द कर दिया है। आर्सेलर मित्तल ने एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये 42 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के आदेश को न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने रद्द कर दिया है।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता के अंतर्गत समाधान ढूंढ़ने के लिए तय 330 दिन की समयसीमा में भी छूट दी है। साथ ही आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा है कि वित्तीय देनदारों को प्राथमिकता होती है और सीओसी द्वारा स्वीकार किये गए फैसले में न्यायाधिकरण हस्तक्षेप नहीं कर सकता। साथ ही यह भी कहा गया है कि एस्सार स्टील का अधिग्रहण 23 अक्टूबर 2018 की रिजोल्यूशन प्लान के अनुसार होगा।
एस्सार स्टील फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आर्सेलर मित्तल को कमजोर कंपनी के लिए भुगतान करने की अनुमति भी दी है। गौरतलब है कि एनसीएलएटी ने अपने आदेश में आर्सेलर मित्तल द्वारा लगाई गई बोली की राशि के वितरण में वित्तीय कर्जदाताओं और परिचालन कर्जदाताओं को एक समान दर्जा दिया था।
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