दिल्ली के संत रविदास मंदिर ध्वस्तिकरण मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। अदालत ने मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि यह एक स्थायी इमारत होगी न कि लकड़ी का बना कोई अस्थायी केबिन।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही 10 अगस्त 2019 को डीडीए ने मंदिर ध्वस्त किया था। इसके बाद हजारों की संख्या में एससी/एसटी वर्ग के लोग दिल्ली पहुंचे थे और यहां प्रदर्शन किया था, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया था।
इस मामले में भीम आर्मी के संयोजक चंद्रशेखर समेत पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। शीर्ष अदालत ने कुछ शर्तों के साथ संत रविदास मंदिर की 400 वर्ग गज जमीन सरकार की ओर से बनाई जानेवाली समिति को सौंपने के केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगाई। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि वह अब रविदास मंदिर के लिए आवंटित किए जाने वाले क्षेत्र को बढ़ाएगी।
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