निर्भया के दोषी पवन की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. अपराध के समय दोषी पवन खुद के नाबालिग होने का दावा कर रहा था. इसकी पुष्टि दोषियों के वकील एपी सिंह ने की है. सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका ठुकरा दी.

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों में से एक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उसकी दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ अब दोषी ने शीर्ष न्यायालय में अर्जी दाखिल कर अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की है.
मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह (32) ने पिछले सप्ताह दया याचिका पेश की थी, जिसे 17 जनवरी को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था.
चीफ जस्टिस एस.ए बोबडे, जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, “अगर किसी को फांसी होने वाली है, तो इससे ज्यादा जरूरी कुछ नहीं हो सकता.”
दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जानी है. अदालत ने मुकेश के वकील को संबंधित अधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा है.
इससे पहले शीर्ष अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराए जाने और फांसी की सजा के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका की अर्जी लगाई थी.इस मामले में निचली अदालत ने दोषियों को मौत की सजा दिए जाने के लिए वारंट जारी किया है. उन्हें एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जानी है.
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