महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर नया पेच फंसता नजर आ रहा है. कांग्रेस का मानना है कि देरी उनकी तरफ से नहीं, बल्कि एनसीपी चीफ शरद पवार की ओर से हो रही है. इसके पीछे कांग्रेस की थ्योरी है कि शरद पवार चाहते हैं कि दोनों पार्टियों शिवसेना और एनसीपी को ढाई-ढाई साल सीएम पद मिले. यानी सीएम का पद रोटेशनल हो. वहीं, शिवसेना अभी भी आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है.

दिलचस्प बात ये है कि शिवसेना ने जिस 50-50 फॉर्मूले के चलते बीजेपी से अपना 30 साल पुराना नाता तोड़ा है, उसी के फेर में अब वह फंसती नजर आ रही है.
दरअसल, शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है और एनसीपी ने 54 सीटें जीती हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो एनसीपी के पास महज दो सीटें कम हैं. हालांकि, एनसीपी की तरफ से लगातार महाराष्ट्र में वैकल्पिक सरकार देने की बात की जा रही है.
मंगलवार सुबह ही एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा है कि कल (सोमवार) हमने पूरा दिन कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार किया क्योंकि कांग्रेस के बिना हमारे समर्थन का कोई मतलब नहीं है. अजित पवार ने ये भी कहा कि स्थायी सरकार देने के लिए कांग्रेस को आना चाहिए. अजित ने ये भी स्पष्ट किया कि हमारी तरफ से कोई देरी नहीं है. पवार ने कहा कि हम कांग्रेस से बात करेंगे और राज्यपाल से ज्यादा वक्त मांगने की कोशिश करेंगे.
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