सिंगल लोग रहते हैं हमेशा दुःखी, दूर हुआ ये मि‍थ

सिंगल लोग रहते हैं हमेशा दुःखी, दूर हुआ ये मि‍थ

अक्सर सिंगल लोगों को अलग नज़र से देखा जाता है और उनका मजाक भी उड़ाया जाता है लेकिन हाल में ही आई रिसर्च आपके इस विचार को बदल देगी. जी हां, रिसर्च के मुताबिक, मैरिड लोगों से ज्यादा सिंगल लोग ज्यादा बेहतर जिंदगी जीते है.सिंगल लोग रहते हैं हमेशा दुःखी, दूर हुआ ये मि‍थ

रिसर्च के मुताबिक, सिंगल्स की लाइफ में मैरिड लोगों से ज्यादा मजबूत सोशल नेटवर्क होता है और उनका फ्रेंडजोन बड़ा और स्ट्रांग होता है. वो मेंटली और फिजिकली हेल्दी होते हैं और वहीं दूसरी तरफ मैरिड लोग अन्हेल्दी हैबिट्स में पड़ जाते हैं. खासतौर पर फिजिकल फिटनेस पर कोई ध्यान नहीं देते.

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सांता बारबरा की 63 वर्षीय साइक्लोजिस्ट डी पॉल अपनी पूरी जिंदगी सिंगल रही है क्योंकि उनका कहना है कि उन्हें कभी शादी नहीं करनी थी और वो सिंगल ही बहुत खुश है. उन्होंने अपनी तरह बहुत से सिंगल लोगों पर स्टडी की है और इस दौरान उन्हें ये पता चला कि सिंगल लोगों को साइक्लोजिकल से लेकर फिजिकली बहुत से लाभ होते है.

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डी पॉल का कहना है कि सिंगल लोगों को लेकर जो सोच बनी हुई है कि वो अकेले, अप्रिय, दुखी है और वो सिर्फ मिंगल होने का इंतजार कर रहे है तो ये सब सिर्फ एक मिथ है.

2016 में की गई रिसर्च में डी पॉल ने पाया कि सिर्फ वहीं ही नहीं बल्कि 800 से भी ज्यादा स्टडीज का यही कहना है कि सिंगल्स की सोशल लाइफ और हेल्थ ज्यादा मजबूत होती है.

2015 में सोशल वैज्ञानिक नतालिया सरकिशियन और नाओमी गेरस्टेल ने अमेरिका के सिंगल और मैरिड लोगों पर रिसर्च की है कि कैसे वो अपने रिश्तेदार, पड़ोसी और दोस्तों के साथ पेश आते है. नतीजों में ये पता चला है कि सिंगल लोग अपने सोशल नेटवर्क के बीच ज्यादा जल्दी पहुंच जाते है और साथ ही उनकी मदद करने के लिए भी लोग तयार रहते है.

18 से 64 उम्र के 13,000 पुरुषों और महिलाओं से शोध के दौरान ये पता चला कि सिंगल और जिन लोगों की कभी शादी नहीं हुई वो मैरिड या डिवोर्स लोगों से हर हफ्ते ज्यादा वर्कआउट करते है.

एक स्टडी में ये भी पता चला कि यूरोप के 9 देशों के 4500 लोगों के बॉडी मास इंडेक्स की तुलना कि गई और नतीजों में ये पता चला कि सिंगल पुरुषों-महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स मैरिड लोगों से कम था.

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