पिछले महीने राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह को अपना वनटाइम पासवर्ड जाहिर करने की वजह से 27000 रुपये गंवाने पड़े थे। उनके राज्यसभा मेंबर होने की वजह से यह खबर सुर्खियों में रही, लेकिन दिल्ली में कई ऐसे लोग हैं जो फिशिंग का शिकार हो रहे हैं, उनको ठगा जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कानून बनाने वाले इस समस्या के बारे में जानते हैं। उन्हें विश्वास है कि अपराधी कुछ युवक हैं जो झारखंड और छत्तीसगढ़ के गांवों के रहने वाले हैं।
ये ठग फर्जी आईडी के जरिए सिम कार्ड भी खरीदते हैं और बार-बार जगह बदलकर अलग-अलग नंबरों से कॉल करते हैं। अकसर पैसे को दो या तीन अलग-अलग जगह ट्रांसफर किया जाता है ताकि शक न हो। हाल में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही गिरोह का खुलासा किया था, जो झारखंड के जामतारा जिले से चलाया जा रहा था। जज, वरिष्ठ नौकरशाह और रिटायर हो चुके सरकारी कर्मचारी इस गिरोह का शिकार हुए। ऐसे गिरोह देशभर में सक्रिय हैं। एक बार दिल्ली के एक शख्स के बैंक अकाउंट से निकले पैसे राजस्थान और पंजाब के बैंक खातों में पहुंचे।
पुलिस ने चेतावनी जाहिर कर लोगों को फोन, एसएमएस और ई-मेल पर अपने बारे में जानकारी देने से बचने के लिए कहा है।