28 सितंबर 2017 से क्रिकेट का एक अगल ही रूप देखने को मिला, जब आईसीसी ने क्रिकेट में खेल के नए नियमों को लागू किया. क्रिकेट में नियमों के बदलाव के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी पहली सीरीज न्यूजीलैंड के साथ खेली थी. आईसीसी के खेलने के नियमों में ज्यादातर बदलाव एमसीसी द्वारा घोषित क्रिकेट नियमों के बदलाव के परिणामस्वरूप किए गए.
इसी के साथ ही क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव हुए, जिसके तहत क्रिकेट बैट के साइज निर्धारित से लेकर अभद्र व्यवहार को रोकने के लिए रेड कार्ड देना भी शामिल है.
-अब बैट की चौड़ाई 108 मिमी, मोटाई 67 मिमी और कोनों पर 40 मिमी से ज्यादा नहीं हो पाएगी. बड़े बल्लों के उपयोग से रोकने के लिए अंपायर बैट गेज (माप यंत्र) का इस्तेमाल करेंगे.
-नए नियमों के अनुसार अगर एलबीडब्ल्यू के लिए रेफरल ‘अंपायर्स कॉल’ के रूप में वापस आता है, तो टीमें अपना रिव्यू नहीं गंवाएंगी.
-टेस्ट मैचों में 80 ओवर के बाद ‘टॉप-अप’ रिव्यू जुड़ने का मौजूदा नियम खत्म हो गया, जबकि डीआरएस को अब टी-20 इंटरनेशनल में भी अनुमति है. टेस्ट में टॉप-अप रिव्यू में टीमों को 80 ओवरों के बाद दो और रिव्यू दिए जाते थे, जो अब नहीं दिए जाते.
-नए नियमों में अंपायरों को हिंसा सहित दुर्व्यवहार करने वाले खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार भी है. अन्य सभी अपराध पहले की तरह आईसीसी आचार संहिता के तहत हैं.
-अगर क्रीज पार करने के बाद बल्ला हवा में रहता है, तो बल्लेबाज को रन आउट नहीं दिया जाएगा. पहले हवा में बल्ला रहने पर बल्लेबाज को आउट दे दिया जाता था.
बल्लेबाज तब भी कैच, स्टंप और रन आउट हो सकता है, भले ही गेंद फिल्डर या विकेटकीपर द्वारा पहने गए हेलमेट से लगकर आई हो.
-अब बाउंड्री पर हवा में कैच पकड़ने वाले फील्डर को बाउंड्री के अदर ही रहकर कैच पकड़ना होगा, नहीं तो उसे बाउंड्री मानी जाएगी.
-अब ‘हैंडल्ड द बॉल’ नियम को हटाकर उस तरीके से आउट होने वाले बल्लेबाज को ‘ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड’ नियम के तहत आउट दिया जाता है.