यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के भी 38 करोड़ रुपए यस बैंक में फंस गए हैं। परिवहन निगम को यह खामियाजा सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बैंकिंग की लापरवाही से भुगतना पड़ा है।
यह रकम नई बस खरीदने के मद की है। हालांकि कुछ अफसरों की यस बैंक के गिरते शेयर पर पैनी निगाह थी जिससे 385 करोड़ रुपये फंसने से बच गए, नहीं तो कुल 423 करोड़ रुपये फंसते।
लखनऊ परिक्षेत्र के एक बड़े अफसर ने बताया कि यस बैंक में एफडी कराने वाले बिचौलिए की टीम ने अधिक ब्याज एवं खुद के फायदे के लिए यह निवेश कराया था।
लेकिन डॉ. राजशेखर ने जुलाई 2019 में प्रबंध निदेशक की कमान संभाली तो बिचौलियों की करतूत का पता चला। इसके बाद यस बैंक से फिक्स डिपॉजिट के 385 करोड़ रुपये निकालकर राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराया गया। यस बैंक से फिक्स डिपॉजिट की यह रकम परिवहन निगम ने तीन माह पहले ही वापस ली थी।
यस बैंक में सबसे अंत में 38 करोड़ रुपये फिक्स डिपॉजिट किए गए। इस रकम की एफडी के दौरान उस शर्त को दर किनार कर दिया जो 385 करोड़ रुपये के निवेश में लागू थी।
इसमें यह शर्त थी कि फिक्स डिपॉजिट की रकम को किसी भी वक्त तोड़ करके निकाला जा सकता है। लेकिन इस शर्त को 38 करोड़ की एफडी पर लागू नहीं किया। अब सवाल उठ रहा है कि यह खेल किसके इशारे पर हुआ।
सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक बैंकिंग की लापरवाही से यस बैंक में एफडी के 423 करोड़ में से 38 करोड़ रुपये फंस गए हैं। इस सिलसिले में यस बैंक के प्रबंधक को पत्र लिखा गया है।
– डॉ. राजशेखर, प्रबंध निदेशक, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम