सर्दियों में नहाने के नाम से कई लोंगो के हाथ-पैर जम जाते हैं। दुनियाभर के एक्सपर्ट कहते हैं कि रोजाना नहाने से हमारी त्वचा पर काफी गंभीर प्रभाव पड़ता है क्योंकि हम जरुरत से ज्यादा ही नहा लेते हैं। आज हम यहां साबित करने वाले हैं कि सर्दियों में किस तरह से रोज नहाना आपके लिये हानिकारक हो सकता है। बोस्टन के त्वचा विशेषज्ञ डॉ रानेला हिर्श ने कहा है कि लोग रोजाना, गंदे होने की वजह से नहीं बल्कि सामाजिक मानदंडों की वजह से नहाते हैं।
रोज नहाने की जरुरत नहींअध्ययनों से पता चला है कि हमारी त्वचा को साफ करने के लिये शरीर में ऐसे प्रभावी तंत्र हैं जो उसे खुद ही साफ कर सकते हैं। यदि आप जिम जाते हैं या दिनभर ढेर सारा पसीना बहाते हैं, तो आपको नहा कर खुद को साफ जरुर करना चाहिये।
त्वचा बन जाती है ड्राई
अगर आप कड़क ठंडी में यह सोंच कर गरम गरम शावर के नीचे खड़े रहते हैं कि आपको इससे आराम गर्मी और आराम मिलेगा तो, इससे आपको काफी नुकसान पहुंच सकता है। गरम पानी से आपकी त्वचा रूखी हो सकती है उसका प्राकृतिक तेल छिन सकता है। ऐसे में आपकी त्वचा से नमी चली जाएगी और त्वचा हर वक्त रूखी बनी रहेगी। यदि आप रोज नहाते हैं, तो जरुरी है कि आप ड्राय साबुन और शैंपू का प्रयोग करें। अपने शावर का टाइट रोजाना सिर्फ 10 मिनट रखें।
दो या तीन दिन ही नहाना काफी है
हमारी त्वचा एक अच्छा बैक्टीरिया पैदा करती है जो कि हमे कैमिकल प्रॉडक्ट से निकलने वाले टॉक्सिन से बचाती है। लेकिन आप रोज नहा कर इस बैक्टीरिया को शरीर से साफ कर देते हैं। त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों के समय आपको हफ्ते में केवल दो या तीन दिन ही नहाना चाहिये।
नाखून हो जाते हैं खराब
इसके अलावा रोजाना गरम पानी से नहाने पर आपके नाखूनों पर भी बुरा असर पड़ सकात है। वह फैलने, छिलने और टूटना शुरु हो जाएंगे। हमारे नाखून पानी सोखते हैं , जिससे वह अपनी प्राकृतिक नमी और तेल को खो बैठते हैं और रूखे-सूखे बन जाते हैं।
पानी होता है बहुत वेस्ट
पानी की चिंता व्यक्तिगत से एक सामाजिक चिंता का अधिक कारण बना हुआ है। एक अध्ययन में कहा गया है कि एक औसत व्यक्ति पानी के 55 लीटर केवल स्नान के लिए हर दिन खर्च कर देता है। यदि आप बाल्टी से ना नहा कर केवल शावर से ही नहांए, तब भी आप पानी की काफी बर्बादी कर रहे होते हैं।
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