श्रमिक दिवस के मौके पर फ्रांस की राजधानी पेरिस में हजारों प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रो के आर्थिक सुधारों के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी हुई। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। पुलिस ने सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। पेरिस के अलावा रूस, तुर्की और वेनेजुएला में भी मई दिवस के मौके पर रैलियां निकाली गईं।
फ्रांस में करीब 40 हजार प्रदर्शनकारियों ने रैली में हिस्सा लिया। लेकिन इसके उलट यूनियनों का दावा है कि इस रैली में 80 हजार लोगों ने भाग लिया। फ्रांस सरकार का कहना है कि 28 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। सरकार का कहना है कि इस हिंसक झड़प में 14 सुरक्षा बल के जवानों के साथ 24 प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं। पुलिस ने 380 लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें से 330 लोग पेरिस से हैं। पुलिस प्रशासन ने कहा कि राजधानी पेरिस में करीब 1200 प्रदर्शनकारी मई दिवस के अवसर पर काले कपड़े पहनकर सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारी कट्टरपंथी वाम समूह से ताल्लुक रखते हैं। इस प्रदर्शन में ‘पीले बनियान’ और श्रमिक संघवादियों ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों की तैयारियों के मद्देनजर सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट कर दिया गया था। फ्रांस के राष्ट्रपति खुद स्थितियों पर नजर बनाए हुए थे। राजधानी पेरिस को छावनी में तब्दील हो गया था। करीब 74,00 से अधिक पुलिस सड़कों पर तैनात थी।
श्रमिक दिवस के दिन मोंटपर्नासे बुलेवार्ड पर जमा भीड़ देखते-देखते हिंसक हो गई। अचानक प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर टूटी बातलों एवं टूटे फर्श के पत्थर फेंकने लगे। प्रदर्शनकारी कह रहे थे कि हर नागरिक पुलिस से नफरत करता है। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिन ने हल्के बल का प्रयोग किया और आंसू गैस के गाेले दागे। तब जाकर पुलिस ने नियंत्रण पाया। इस बीच कट्टर प्रदर्शनकारियों एवं कुछ ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं बीच भी संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई। कुछ ट्रेड यूनियन के सदस्य मई दिवस मनाने निकले थे। एक ट्रेड यूनियनिस्ट ने पीली बनियान मार्चर का अपमान करने के बाद जवाब दिया कि मैं एक महीने में 1200 यूरो यानी 1340 डॉलर कमाता हूं। मई दिवस के मौके पर तुर्की में पुलिस ने 127 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद इस्तांबुल स्कवायर में रैली आयोजित की। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में पुलिस ने 60 लोगों को हिरासत में लिया है। इन लोगों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ नारे लगाए। मनीला में 8,000 प्रदर्शनकारियों ने देश के गरीबों पर उनकी नीतियों के प्रभाव को लेकर फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे के विशाल पुतले को आग लगा दी। वेनेजुएला में विपक्षी नेता जुआन गुएडो ने सैन्य विरोध के बावजूद मई दिवस के मौके पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प एक की मौत हो गई, 17 लोग घायल हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के शासन का विरोध कर रहे थे।