शिवसेना ने देश की आर्थिक स्थिति और जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने शनिवार को अपने मुखपत्र सामना में कहा कि केंद्र सरकार के मनमाने कामकाज से देश में आर्थिक अराजकता का निर्माण हो गया है, इसका खामियाजा राज्यों को भुगतना पड़ा है.
शिवसेना ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय हम जिस खतरे की घंटी लगातार बजा रहे थे, वह तमाम खतरे अब सामने आकर खड़े हो गए हैं. केंद्र सरकार ने कहा था कि जीएसटी के कारण राज्यों को राजस्व वसूली में होने वाले घाटे की भरपाई की जाएगी लेकिन राज्यों को 50 हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान की भरपाई नहीं की गई.
शिवसेना ने कहा कि जीएसटी एक क्रांतिकारी आर्थिक योजना है, ऐसा ढिंढोरा प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय पीटा था. उत्पादन पर निर्भर रहने वाले राज्यों के मुंह का निवाला केंद्र ने छीन लिया. महानगरपालिका की ‘चुंगी’ योजना बंद कर दी गई. इन तमाम नुकसानों की भरपाई कर देंगे, ऐसा उस समय कहा गया था. लेकिन आज सिर्फ सब्जबाग ही दिखाया जा रहा है.
शिवसेना ने कहा कि केंद्र ने कई राज्यों और संस्थाओं के पैसे डुबा दिए. प्रधानमंत्री सतत विदेशी दौरों पर जाते हैं और इसके लिए एयर इंडिया का इस्तेमाल होता है. ये सब मुफ्त नहीं होता है, बल्कि केंद्र की तिजोरी से इस खर्च की भरपाई करनी पड़ती है, परंतु प्रधानमंत्री के विदेशी दौरों पर खर्च हुए करीब 500 करोड़ रुपये एयर इंडिया को अदा करने में आनाकानी की जा रही है. एयर इंडिया पहले ही डूबने के कगार पर है. उस पर यह बोझ! भारत पेट्रोलियम जैसे मुनाफा कमाने वाले सार्वजनिक उपक्रम भी केंद्र बेचने की तैयारी में है.