शादी के नाम पर नाबालिग को बेचने में आरोपी मां सहित पांच महिलाओं को पुलिस ने पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया है। पूछताछ में पीड़िता ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस के मुताबिक, नाबालिग ने बताया कि इससे पहले भी उसे तीन बार अलग-अलग हाथों बेचकर शादी करवाई गई थी।
इस पूरी साजिश में पीड़ित नाबालिग की मां, मौसी सहित अन्य महिलाओं का एक गैंग है। यह गैंग कुंवारे लड़कों को झांसा देकर फंसाता था और सौदा और शादी कराने के कुछ दिन बाद नाबालिग को फिर घर वापस ले आता था। पीड़िता के बयानों के आधार पर अब नाबालिग के खरीदार भी पुलिस के रडार पर आ गए हैं।
बीती 20 फरवरी को एक महिला ने अपनी सगी बहन सहित कुछ महिलाओं पर नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर घर से ले जाने का आरोप लगाया था। महिला ने पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने उसकी नाबालिग बेटी को बेच दिया है और किसी के साथ उसकी शादी भी करवा दी है।
शादी और शोशेबाजी
शिकायतकर्ता के आरोपों पर संदेह होने पर जब पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो मामला परत-दर-परत खुलता गया। निशानदेही पर पुलिस ने बिजनौर के एक घर पर दबिश देकर नाबालिग को छुड़ा लिया और नाबालिग की मां और मौसी, बिचौलिए की भूमिका निभा रही रुद्रपुर की रश्मि कौर के अलावा रायपुर की रहने वाली पड़ोसी महिला परमजीत कौर एवं परमजीत की बेटी सीमा को भी गिरफ्तार कर लिया।
बुधवार को जब पुलिस ने पीड़िता से पूछताछ की तो मामला चौंकाने वाला निकला। एएसपी रुद्रपुर ममता बोहरा के मुताबिक पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि उसकी मां के साथ बने महिलाओं के इस गैंग ने इससे पहले उसे रुद्रपुर और रामपुर के रहने वाले युवकों को शादी के नाम पर बेच दिया था। बिजनौर में उसकी तीसरी शादी करायी गई थी।
नाबालिग ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि शादी कराने के कुछ दिनों बाद मां और मौसी किसी बहाने से उसे घर बुला लेती थीं और फिर वापस नहीं भेजती थीं। इसके बाद मेरे कथित ससुरालियों को जेल भेजने की धमकी देकर मामला दबा दिया जाता था। एएसपी ने बताया कि पीड़ित नाबालिग के बयानों के आधार पर पुलिस किशोरी के खरीदारों से भी पूछताछ करेगी।
इसमें कई और नाम भी सामने आ रहे हैं। जांच के बाद दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने पीड़ित किशोरी की गिरफ्तार मां और मौसी सहित पांच महिलाओं को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया है।
बिचौलिया खोजती थीं शादी के इच्छुक लड़के
नाबालिग को शादी के नाम पर बेचे जाने के मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि गैंग में बिचौलियों के रूप में काम करने वाली आरोपी महिलाएं रश्मि कौर और सीमा ही यूपी के बिजनौर, रामपुर सहित आसपास के इलाकों में घूमती थीं। ये दोनों ऐसे लड़कों की तलाश करती थीं, जिनको या तो शादी के लिए लड़की नहीं मिल रही होती थी।
या फिर गांव की परंपरा और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार, उनके यहां लड़कियों की संख्या कम होती थी। आरोपी महिलाएं ऐसे लड़कों की तलाश कर नाबालिग का फर्जी आधार कार्ड दिखाती थीं। इसमें पीड़ित किशोरी की उम्र 18 साल दर्शायी गई है। जैसे ही लड़का शादी के लिए तैयार हो जाता था, तो दोनों आरोपी महिलाएं लड़की का सौदा मोटी रकम में कर देतीं।
पूछताछ में सामने आया कि नाबालिग को पहली बार 50 हजार, दूसरी बार 25 हजार और तीसरी बार 80 हजार रुपये में बेचा गया था। पीड़िता की शादी बेहद गुपचुप तरीके से और सुनसान इलाकों में जाकर कराई जाती थी। ताकि नाबालिग के घर वापस आने पर किसी को भी इसकी भनक नहीं लगे।
मां ने बेटी को खुद जगह-जगह भेजा
एएसपी ममता बोहरा ने बताया कि नाबालिग के बने आधार कार्ड में पीड़िता की उम्र 18 साल लिखी हुई है, जबकि मामले के खुलासे के बाद नाबालिग की उम्र चार साल कम पायी गई है। जांच में यह भी बात सामने आई है कि शादी का झांसा देकर बेचने के अमानवीय धंधे से पहले मां अपनी नाबालिग बेटी को रुपये के एवज में दूसरे लोगों के पास भेजती थी।
कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में पीड़िता की आरोपी मां ने महिलाओं का एक गैंग खड़ा किया और शादी के नाम पर नाबालिग बेटी को बेचने का धंधा शुरू कर दिया। इस गैंग में की पकड़ी गई हर महिला की अपनी-अपनी भूमिका थी। यह अलग-अलग कहानी बनाकर युवकों को शादी के लिए राजी कर लेती थीं।
तीसरी बार हुई शादी के बाद युवती को शादी करने वाले युवक ने मायके नहीं छोड़ा और इसी दौरान आरोपी महिलाओं में भी किसी बात को लेकर अनबन शुरू हो गई थी। इसके बाद पीड़िता की आरोपी मां ने मनगढ़ंत कहानी गढ़कर अपनी ही बहन पर आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा दिया था।