विवाह हर लड़का-लड़की की ज़िंदगी का अहम हिस्सा होती है। इसके साथ ही दोनों की जिंदगी में नया मोड़ आने लगता है। वास्तुशास्त्र में कहा जाता है कि नव विवाहित जोड़ों को शादी के बाद कुछ काम नहीं करने चाहिए। कहा जाता है कि इससे रिश्तों में खटास आ जाती है।

न करें ये का:
नव विवाहित जोड़ों को कभी भी किसी धार्मिक स्थल पर हनीमून पर नहीं जाना चाहिए। अगर आप फिर भी भगवान के दर्शन को जाना चाहते हैं तो ध्यान रखें कि उस स्थल का संबंध भगवान शिव से न हों।
भले ही भगवान शिव ने पार्वती से शादी की थी लेकिन भगवान शिव वैरागी थे। अगर एक साल के अंदर वह लड़की गर्भ धारण कर लेती है तो कहा जाता है कि होने वाला शिशु भी वैरागी बनता है।
शादी के एक साल तक नव विवाहित लड़की को शिवलिंग को छूने बचना चाहिए। बल्कि उन्हें पार्वती मां की पूजा करनी चाहिए। एक साल के बाद यह मायने नहीं रखती।
वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि नव विवाहित जोड़ों का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए। ध्यान रखें कि आपका शयनकक्ष दक्षिण-पूर्व में कभी न हो, इससे दोनों के बीच क्लेश आएगा।
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