इसी दौरान संगीता को रानीखेत में सेना के एक प्रोग्राम में शामिल होने का अवसर मिला. इस प्रोग्राम में शिशिर के दोस्तों ने संगीता को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया और ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में कैसे जाया जाए ये भी बताया.

सैनिक परिवार से होने की वजह से संगीता भी इसके लिए तैयार हो गई और फिर संगीता ने दिल्ली की वीर नारी कमेटी की मदद से ओटीए के लिए परीक्षा की तैयारी की. शिशिर की शहादत के लगभग तीन साल बाद अब संगीता चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में शामिल होने के लिए तैयार है.

ओटीए से ट्रेनिंग पूरी होने के बाद संगीता अपने परिवार में पहली व्यक्ति होंगी जो सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर देश को अपनी सेवाएं देंगी. संगीता की इस कामयाबी से सिर्फ उनका परिवार ही नहीं बल्कि आस-पड़ोस के लोग भी गर्व महसूस कर रहे हैं.