विवादों में रहा पूर्व राज्यपाल पुरोहित का कार्यकाल

पंजाब के पूर्व राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित का कार्यकाल विवादों के घेरे में रहा। वह अगस्त 2021 को पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक नियुक्त किए गए थे। हालांकि पुरोहित की पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ ठनी रहती थी।

पंजाब सरकार व मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ लगातार विवाद के कारण चर्चा में रहने वाले प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। अब गुलाब चंद कटारिया पंजाब के नए राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। वह उदयपुर (राजस्थान) के रहने वाले हैं। अभी वे असम के राज्यपाल थे।

बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब के 29वें गवर्नर के तौर पर अगस्त 2021 में कार्यभार संभाला था। इसके अलावा उनके पास चंडीगढ़ यूटी के प्रशासक का पद भी था। राज्यपाल के तौर पर उनका कार्यकाल काफी विवादों में रहा। अभी हाल ही में उनका बॉर्डर एरिया का दौरा भी विवादों में आ गया था। वहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मान उनसे मिलते ही नहीं हैं।

इस पर अगले दिन मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि तीन चुनाव हारने वाले राज्यपाल मेरी आधी सरकार लेकर घूम रहे हैं। इसके पलटवार में शुक्रवार को राज्यपाल ने फिर कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें पसंद नहीं करते, इसीलिए मैंने इस्तीफा दिया था, जो स्वीकार नहीं हुआ तो अपने काम में लग गया। उन्होंने यह भी कहा था कि मैंने आठ में से पांच चुनाव जीते हैं। मेरा रिजल्ट 60 प्रतिशत है।

उल्लेखनीय है कि पुरोहित ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस वर्ष तीन फरवरी को इस्तीफा दे दिया था, जिसे अब स्वीकार किया गया है। वह 2017 से 2021 तक तमिलनाडु के राज्यपाल रहे। इससे पहले 2016 से 2017 तक वे असम के गवर्नर भी रहे। पुरोहित भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। वह तीन बार नागपुर से सांसद रह चुके हैं। पुरोहित का जन्म 16 अप्रैल, 1940 में राजस्थान में हुआ था।

करीब तीन साल के कार्यकाल में प्रमुख विवाद
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा सत्र विवाद: भगवंत मान की सरकार बनने के बाद से उनके और सीएम के रिश्तों में काफी तल्खी रही। पंजाब विधानसभा के सत्र को बुलाने को लेकर तो दोनों में रार इतनी बढ़ गई कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। 19-20 जून 2022 को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र को उन्होंने मंजूरी देने से इन्कार कर दिया था। इस पर सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। कोर्ट ने विशेष सत्र को वैध ठहराया था।

वीसी की नियुक्तियों पर तकरार
बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी में हृदय रोगों के जाने माने विशेषज्ञ को जब राज्य सरकार वीसी नियुक्त करना चाहती थी, तो पुरोहित के पूरा पैनल मांग कर विवाद बढ़ा दिया था।

ड्रग्स के मुद्दे पर सरकार को घेरा
पुरोहित ने पंजाब के बॉर्डर जिलों का दौरे करते हुए लोगों से बातचीत में ड्रग्स को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। गवर्नर ने यहां तक कह दिया कि बॉर्डर बेल्ट में किराना दुकानों पर भी सरेआम ड्रग्स बिक रहीं हैं।

एयरफोर्स डे पर विवाद
चंडीगढ़ में अक्टूबर 2022 में आयोजित एयरफोर्स डे पर हुए कार्यक्र में राष्ट्रपति भी मौजूद थीं। भगवंत मान के कार्यक्रम में न आने पर गवर्नर भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि ये उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी थी। इसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया।

हेलिकॉप्टर विवाद
साल 2023 में पंजाब सीएम भगवंत मान से विवाद के बीच बनवारी लाल पुरोहित ने कहा था कि वह पंजाब सरकार का हेलिकॉप्टर प्रयोग नहीं करेंगे। हेलिकॉप्टर पर सिर्फ मुख्यमंत्री का ही अधिकार नहीं है।

शिक्षकों को विदेश भेजने पर उठाए सवाल
पुरोहित ने सरकारी शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने के मामले में सरकार से जवाब-तलब किया था। तब मुख्यमंत्री ने कह दिया कि वह तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं, न की किसी सेलेक्टेड शख्स के प्रति।

राष्ट्रपति शासन की दी थी चेतावनी
पत्रों का जवाब न देने पर उन्होंने पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दे दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिखकर कहा था कि राजभवन की ओर से मांगी जानकारियां नहीं दी जा रही हैं। ये सांविधानिक कर्तव्य का अपमान है।

मान ने लगाया था तंग करने का आरोप
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने गवर्नर पुरोहित के बारे में कहा था कि वे हमें तंग कर रहे हैं। बात-बात पर कह देते हैं कि यह कानूनी नहीं गैर-कानूनी है। लोकतंत्र में इलेक्टेड राज चलता है। कई लोगों ने सेलेक्टेड राज की आदत डाल ली है।

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