कंगारुओं के खिलाफ हैट्रिक से कुलदीप यादव सुर्खियों में जरूर हैं, लेकिन उनकी इस सफलता के बावजूद उनके कोच कपिल पांडे खुश नहीं हैं. कोलकाता वनडे में इस कलाई के स्पिनर ने अपने शानदार प्रदर्शन ने खूब वाहवाही बटोरी थी. उस रोमांचक मुकाबले का मैन ऑफ द मैच कप्तान विराट कोहली रहे थे. और यही वजह बनी कुलदीप के कोच की नाराजगी की.
कपिल पांडे का मानना है कि कुलदीप की हैट्रिक ने भारत को जीत की राह पर डाला था. ऐसे में विराट को वह मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड कुलदीप के साथ शेयर करना चाहिए था. कपिल पांडे ने ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ से कहा, ‘कोहली टीम के सीनियर मेंबर हैं. जूनियर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें यह अवॉर्ड साझा करना चाहिए था.’
उन्होंने कहा, ‘ईडन गार्डन्स का विकेट नया था और केवल तेज गेंदबाजों को मदद दे रहा था. लेकिन ऐसे विकेट पर हैट्रिक हासिल करना बड़ी बात थी. शुरू में कुलदीप सही लाइन और लेंथ नहीं रख पा रहे थे. मैच के बाद जब उन्होंने (कुलदीप) मुझे फोन किया, तो मैने विकेट की चिंता किए बिना उचित लाइन और लेंथ पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी, इससे विकेट तो अपने आप आएंगे.’
उल्लेखनीय है कि कुलदीप यादव ने उस मैच के 33वें ओवर में मैथ्यू वेड (2), एश्टन एगर (0) और पैट कमिंस (0) को आउट कर अपनी हैट्रिक पूरी की थी. उधर, विराट कोहली ने बल्लेबाजे करते हुए शानदार 92 रनों की पारी खेली थी. हालांकि वे वनडे में अपने 31वें शतक से चूक गए. विराट को मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया.
जब गावस्कर-चेतन शर्मा संयुक्त मैन ऑफ द मैच रहे
1987 के वर्ल्ड कप के दौरान चेतन शर्मा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हैट्रिक ली थी. वह हैट्रिक भारत की ओर से न सिर्फ पहली हैट्रिक थी, बल्कि वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार किसी गेंदबाज ने यह उपलब्धि हासिल की थी.
नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन ग्राउंड पर उसी मैच में सुनील गावस्कर ने शानदार शतक (88 गेंदों में नाबाद 103) जमाया था. यह गावस्कर के वनडे करियर का एकमात्र शतक था. उस मैच में गावस्कर और चेतन शर्मा संयुक्त रूप से मैन ऑफ द मैच दिया गया था.
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