वाराणसी। जिला जेल में शनिवार को भारी हंगामा हुआ। इसका कारण बना दोपहर में पांच बंदियों के पास से सात मोबाइल फोन मिलना। इस तलाशी अभियान में शामिल बंदी रक्षकों ने आरोप लगाया कि मोबाइल मिलने की सूचना देने पर जेलर ने उन्हीं को डांटना शुरू कर दिया। इससे गुस्साए रक्षकों ने परिसर के अंदर व गेट के बाहर आकर हो-हल्ला मचाया। उनका कहना था कि अफसरों की मिलीभगत से ही बंदियों तक प्रतिबंधित सामान पहुंचते हैं। हंगामे की सूचना पर भारी फोर्स के साथ पहुंचे एसपी सिटी ने स्थिति संभाली। इसके बाद भी जेल में रात तक तनाव बना रहा।
दोपहर में बंदियों की तलाशी के दौरान बैरक नंबर तीन से राजू पांडेय, आबिद सिद्दीकी, अतुल सिंह, विवेक सिंह व आशुतोष सिंह के पास से सात मोबाइल फोन मिले। इसकी सूचना जेल कर्मियों ने जेलर को दी। इसी बीच कुछ बंदी इधर-उधर भागने लगे। सूत्रों के मुताबिक कई मोबाइल जेल चहारदीवारी के बाहर भी फेंक दिए गए। आरोप है कि मौके पर पहुंचे जेलर पवन त्रिवेदी तलाशी लेने वाले बंदी रक्षकों पर ही नाराजगी जताने लगे। इससे माहौल बिगड़ गया और बंदी रक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिला जेल के प्रभारी व सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक अंबरीश गौड़ ने बताया कि पांच मोबाइल फोन मिले हैं। दीवार के उस पार से कपड़े में बांधकर किसी ने मोबाइल फेंका था। उसकी जांच कराई जा रही है।
जेल में ऐसे तो आए दिन मोबाइल फोन व अन्य प्रतिबंधित सामान मिलते रहते हैं। इसे लेकर जेल प्रशासन कभी गंभीर नहीं दिखा लेकिन इस बार मोबाइल मिलने के बाद जेलर पर बंदी रक्षकों के आरोप से अधिकारी भी सकते में हैं। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बंदी रक्षकों के हंगामा शुरू करते ही भारी फोर्स पहुंच गई। इसमें एसपी सिटी, एडीएम प्रशासन, एसीएम चतुर्थ, सीओ कोतवाली व कैंट के अलावा आधा दर्जन थानों की फोर्स थी। जेलर पवन कुमार त्रिवेदी ने बताया कि जेल में पांच मोबाइल फोन मिले हैं। बैरक तक इनके पहुंचने की जांच हो रही है। बंदी रक्षकों के हंगामे की खबर निराधार है।