रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के लिए एक बार फिर भारी मशीनें केदारनाथ पहुंचाने की तैयारी है। इसके लिए सरकार का वायु सेना के साथ पत्राचार चल रहा है। हालांकि, वर्ष 2015 में भी वायु सेना के सबसे बड़े एमआइ-27 हेलीकॉप्टर से डंफर और जेसीबी मशीनें केदारपुरी पहुंचाई गई थी, लेकिन इस बार काम अधिक व समय कम होने के कारण सरकार ने और मशीनें भेजने का निर्णय लिया है।केदारनाथ धाम अभी तक सड़क मार्ग से नही जुड़ पाया है, जिससे यहां निर्माण संबंधी कार्यों के लिए मजदूरों या घोड़े-खच्चरों का सहारा लेना पड़ता है। शीतकाल के छह महीने तो कार्य और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
बीते वर्ष 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां नई केदारपुरी बसाने के लिए पांच महत्वाकांक्षी योजनाओं की नीव रखी थी और राज्य सरकार को इन्हें पूरा करने के लिए छह माह का समय दिया था। यही वजह है कि कार्यों में तेजी लाने के लिए सरकार यहां भारी मशीनें भेजने की तैयार कर रही है।
वर्तमान में तीन डंफर, दो जेसीबी व एक पोकलैंड मशीन के जरिये निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) व लोक निर्माण विभाग यहां कार्य कर रहे हैं। लेकिन, आपदा के दौरान मंदिर के पीछे व आसपास जमा हुए बड़े-बड़े बोल्डरों और लाखों टन मलबे को तय समय तक हटाना इन मशीनों से संभव नहीं है। इसीलिए सरकार अब तीन डंफर व तीन जेसीबी मशीन केदारपुरी पहुंचाने की तैयारी कर रही है। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मशीनों को वायु सेना के एमआइ-27 हेलीकॉप्टर से केदारपुरी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए वायु सेना को पत्र भेजा गया है।
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