राम जन्मभूमि का मामला कोर्ट में पेडिंग, लोकसभा चुनाव के पहले राम मंदिर पर फैसला आना चाहिए अमित शाह ने दिए चौंकाने वाला बयान

शाह से जब पूछा गया कि यदि फैसला आया तो क्या समाज में ध्रुवीकरण बढ़ेगा, तो उन्होंने कहा कि यदि फैसला नहीं आया तो क्या यह (ध्रुवीकरण) नहीं होगा। शाह ने धारा 370, नोटबंदी, राफेल डील और सोहराबुद्दीन केस पर बात की। उन्होंने कहा कि हमारा रुख स्पष्ट है। हमने घोषणा पत्र में कहा है कि 370 हटना चाहिए। हम इसके लिए काम करेंगे यह भाजपा की मूल नीतिगत बातों में से एक है।


सरकार के वकील ने भी कोर्ट में यही कहा था कि इसकी सुनवाई अब जल्दी होना चाहिए। कांग्रेस का पूरा प्रयास है कि आम चुनाव के पहले राम जन्मभूमि मामले का परिणाम न आए। अयोध्या में संघ और विहिप की धर्मसभा के बीच भाजपा ने भी राम मंदिर को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बातचीत में कहा कि भले ही राम जन्मभूमि का मामला 9 साल से कोर्ट में पेडिंग हो, लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले राम मंदिर पर फैसला आना चाहिए।

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राफेल खरीद में एक कौड़ी का भ्रष्टाचार नहीं हुआ
राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी के आरोपों पर प्रधानमंत्री चुप हैं। इस पर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि यह मुद्दा है ही नहीं। एक फूटी कौड़ी का भी भ्रष्टाचार राफेल में नहीं हुआ है। झूठ पर झूठ बोला जा रहा है। उनके पास इतनी करेक्ट इंफार्मेशन थी तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की मदद करना चाहिए। नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि सुप्रीम कोर्ट में पकड़े जाएंगे।

शाह ने कहा कि कांग्रेस के आरोप झूठे हैं। नोटबंदी के बाद हम छह चुनाव जीत चुके हैं। जीएसटी के बाद तीन चुनाव जीते हैं। उनको नया मुद्दा नहीं मिलेगा, तब तक वे इसे ही चलाते रहेंगे। उनको एनआरसी मुद्दा नहीं लगता?

शाह से जब पूछा गया कि क्या मोदी लहर कम हो रही है? तो उन्होंने कहा कि मोदी लहर है, थी और रहेगी। कई बार चीजों को इस तरह उछाला जाता है कि सत्य कुछ समय के लिए धूमिल हो जाता है, लेकिन जब वह बाहर आता है तो सूर्य की तरह चमकता है। कांग्रेस का प्रचार उसके लिए बेरंग होगा। कांग्रेस की फितरत है कि मुद्दे उठाना और फेंक देना। मैं बताता हूं कि यहां शिवराज जी के सामने पहले व्यापमं का मुद्दा उठाया लेकिन इस चुनाव में क्या आपने किसी भी कांग्रेस नेता को व्यापमं बोलते हुए सुना है जब मुद्दे में कुछ है ही नहीं तो कैसे उठाएंगे।

कांग्रेस की कर्जमाफी पर उन्होंने कहा कि 18 प्रतिशत ब्याज गिन लें तो पांच साल में कर्जमाफी हो जाती है। करीब-करीब 20 प्रतिशत ब्याज लेते थे दिग्गी राजा और 5 साल में 20-20 प्रतिशत किसानों का कर्ज चला जाता था तो किसानों का तो पैसा गया ना। इसलिए हम यह पहले ही कर चुके हैं।

चुनाव में सोहराबुद्दीन का मामला फिर उठाने जाने के सवाल पर शाह ने कहा कि ये मामला मुझ पर नहीं चल रहा। यह बेसिक इंफॉर्मेशन कांग्रेस पास नहीं है। कोर्ट ने ऐसा कहा है कि सीबीआई ने राजनीतिक रूप से मुकदमा किया था, जो कि क्लीन चिट के स्टेप से भी दो स्टेप आगे है। मप्र को उप्र, गुजरात की तुलना में कम समय देने के सवाल पर शाह ने कहा कि गुजरात सिर्फ होम स्टेट नहीं था, वहां सरकार भी नई थी। एक जातिवादी आंदोलन उभरकर आया था। उप्र में संगठन नया था, लेकिन इन तीनों राज्यों में हमारा संगठन बहुत पुराना है। कुशाभाऊ ठाकरे ने यहां संगठन की बहुत मजबूत नींव डाली है। राजमाता ने भी इसे आगे बढ़ाया है। पूरे प्रदेश में हमारे सबसे पुराने संगठन यहीं हैं। फिर भी मैंने मप्र में 21 दिन लगाए हैं। राजस्थान में 11 दिन और छत्तीसगढ़ में 12-13 दिन दिए हैं। यह बहुत कम समय नहीं है। हर जिले में कार्यकर्ता के साथ मेरा संवाद हो रहा है। आमसभा, रोड शो, प्रचंड सभाएं यह सब हुआ है।

शाह ने कहा कि मप्र समेत पांच राज्यों के चुनावों से 2019 का ट्रेंड सैट नहीं होगा, बल्कि 2014 से 2019 के बीच हुए चुनावों से ट्रेंड सैट होगा। हम मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तीनों जगह जीतेंगे। तीनों राज्यों में सरकार योजनाएं हमें जिताएंगी।

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