भीमा-कोरेगांव हिंसा में पुणे पुलिस की ओर से गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी के खिलाफ भड़काऊ भाषण के लिए मामला दर्ज किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मेवाणी का खुलकर बचाव किया है। अठावले ने कहा है कि एक जनवरी को पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए गुजरात का यह विधायक जिम्मेदार नहीं है।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री अठावले ने कहा, ‘जिग्नेश भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं है। मैंने इलाके का दौरा किया था और तनाव कम हुआ था। इसलिए मैं 31 दिसंबर को दिल्ली वापस चला गया था। इसी दिन, जिग्नेश ने पुणे में अपना भाषण दिया था। वह भीमा-कोरेगांव नहीं गए थे। कुछ संगठनों ने रात में बैठक की थी और एक जनवरी को हिंसा हुई थी।’
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा विवाद 1 जनवरी 1818 के दिन हुए उस युद्ध को लेकर है, जो अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच कोरेगांव भीमा में लड़ा गया था। इस युद्ध में अंग्रेजों ने पेशवा को शिकस्त दे दी थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में बड़ी संख्या में दलित भी शामिल थे। उस युद्ध में अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए ही दलित समुदाय की तरफ से पुणे में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिस पर बवाल हो गया।