राजस्थान में सियासी टकराव जारी है. इस बीच राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े वायरल ऑडियो क्लिप के मामले में आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार कर दिया है. इस मामले में अब कोर्ट के जरिए अपना फैसला सुनाया जाएगा.

कांग्रेस नेता सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो क्लिप वायरल हुए हैं.
इस मामले में अशोक सिंह और भरत मलानी को आरोपी बनाया गया है. हालांकि अदालत के आदेश के बावजूद आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से मना कर दिया है. जिसके बाद इस मामले में अब कोर्ट फैसला सुनाएगी.
बता दें कि राजस्थान में ऑडियो टेप लीक होने के बाद से स्पेशल ऑपरेश ग्रुप (एसओजी) भी एक्शन में है. एसओजी ने इस मामले में अशोक सिंह नामक शख्स को हिरासत में लिया गया है. अशोक सिंह पर आरोप है कि उसने भरत मलानी नाम के शख्स के साथ मिलकर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार के खिलाफ साजिश रची.
इस मामले में एसओजी ने अशोक सिंह की बातचीत का टेप एडीजे कोर्ट में पेश किया. इस बीच अशोक सिंह ने जयपुर की एडीजे कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई है. कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए उसे जेल भेज दिया.
बता दें कि राजस्थान में ऑडियो टेप वायरल होने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है.
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी राजस्थान की गहलोत सरकार को अस्थिर कर रही है. जबकि बीजेपी का कहना है कि उसे इस प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है.
वहीं ऑडियो टेप मामले में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने दो शिकायतें दर्ज कराई हैं. ये मामले सेक्शन 124ए (राजद्रोह) और 120बी (साजिश रचने) में दर्ज कराए गए हैं. फिलहाल ऑडियो क्लिप की सत्यता की जांच की जा रही है.
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