प्रयागराज माघ मेला-2020 का पांचवां और अंतिम स्नान पर्व माघी पूर्णिमा रविवार को है। करीब 25 लाख श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है। ज्योतिष गणना के अनुसार नौ फरवरी को सुबह 6.42 से दोपहर 1.18 बजे तक स्नान का पुण्य काल रहेगा। इस बीच दान-पुण्य करना विशेष फलदायी रहेगा। पर्व को लेकर जहां प्रशासनिक तैयारियां तेज कर दी गई हैं वहीं मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का जुटना शुरू हो गया है। इस स्नान के के बाद मेले का औपचारिक समापन भी हो जाएगा।
अधिकृत पास होने पर ही मेला क्षेत्र में जाने दिया जा रहा है
संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। आसपास के जिलों तथा पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी तादाद में लोग मेला क्षेत्र में प्रवेश करने लगे हैं। मेले में भीड़ बढऩे की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने जगह-जगह बैरीकेडिंग लगाकर मार्ग में बदलाव किया है। कार, जीप सहित अन्य चार पहिया वाहनों को अधिकृत पास होने पर ही मेला क्षेत्र में जाने दिया जा रहा है। परेड और त्रिवेणी बांध के मुहाने पर पुलिस बल अधिक सक्रिय है।
नंबर गेम
25 लाख के करीब श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान
-6.42 बजे सुबह से लेकर दोपहर 1.18 बजे तक रहेगा पुण्य काल
मेला प्रशासन के अधिकारियों ने स्नान की तैयारी का जायजा लिया
मेला प्रशासन के अधिकारियों ने संगम से किला घाट तक और गंगा नदी के अन्य घाटों पर भ्रमण कर स्नान की तैयारियों का जायजा लिया। संगम नोज पर कुछ नए कांसे बिछाए गए हैं। घाट पर फिसलन से बचने के लिए रेत की बोरियों को भी दुरुस्त किया गया है। माघ मेले में कल्पवास कर रहे लोगों ने माघी पूर्णिमा स्नान के ठीक बाद पारण कर घर वापस चले जाने की तैयारी शुरू कर दी है। विभिन्न साधु संतों के शिविरों में सामान समेटे जाने लगे हैं।
दोपहर 3.01 बजे तक रहेगी माघ शुक्ल चतुर्दशी : ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय
ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय कहते हैं कि माघ शुक्ल चतुर्दशी शनिवार की दोपहर 3.01 बजे तक रहेगी। उसके बाद पूर्णिमा तिथि का संचरण होगा। माघी पूर्णिमा नौ फरवरी को दोपहर 1.18 बजे तक रहेगी। उदया तिथि में पूर्णिमा होने के कारण स्नान सूर्य अस्त तक करने का महत्व रहेगा। इस बीच दान, जप, तप किया जा सकता है।