ऋषिकेश: राजनीति की पारी की शुरुआत करने जा रहे हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार अभी खुद को पूर्णकालिक राजनेता नहीं मानते। जब राजनीति में उनकी भूमिका को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा ‘अभी मैं फुल टाइम पॉलिटिशियन नहीं हूं और ना ही मैंने अभी पार्टी एनाउंस की है। इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा। उन्होंने कहा कि यह आध्यात्मिक यात्रा है, इसे राजनीति से न जोड़ें।
रजनीकांत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ऋषिकेश स्थित स्वामी दयानंद आश्रम पहुंचे। यहां दयानंद आश्रम गंगाधरेश्वर ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी शुद्धानंद सरस्वती ने उनका स्वागत किया। ट्रस्ट की स्थापना स्वामी दयानंद ने की थी और रजनीकांत भी ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती उनके आध्यात्मिक गुरु हैं। आश्रम में प्रवेश करते ही रजनीकांत सबसे पहले गुरु की समाधि पर गए और पूजा-अर्चना कर पुष्प अर्पित किए।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हिमालय उन्हें हमेशा आकर्षित करता है और यहां आकर वह असीम शांति का एहसास करते हैं। कहा कि हिमालय की यात्रा के दौरान वह खुद को जानने पहचानने की कोशिश करते हैं। रजनीकांत ने कहा यात्रा लोगों से जुडऩे का माध्यम भी है। दयानंद आश्रम के प्रबंधक गुणानंद रयाल ने बताया कि रजनीकांत आश्रम में दो दिन बिताएंगे। इस दौरान वह योग करने के साथ ही ध्यान लगाएंगे। स्वामी दयानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी आध्यात्मिक गुरु हैं। दो वर्ष पूर्व उनके महाप्रयाण से पूर्व प्रधानमंत्री गुरु के दर्शन के लिए आश्रम आए थे।