लखनऊ। योगी सरकार आगामी वित्तीय वर्ष का बजट 16 फरवरी को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश करेगी। यह योगी सरकार का दूसरा बजट होगा। बजट सत्र आठ फरवरी से शुरू होगा। इसी महीने प्रस्तावित यूपी इन्वेस्टर्स समिट और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से यह बजट सरकार के लिए खासी अहमियत रखता है। सोमवार रात तक वित्त विभाग बजट की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा था। बजट का आकार तकरीबन सवा चार लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है।
उद्योगों को बढ़ावा
प्रदेश में निवेश जुटाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बजट के जरिये जहां सरकार राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देना चाहेगी, वहीं लोकसभा चुनाव को देखते हुए उसकी निगाहें वोटों के गणित पर भी होगी। इस लिहाज से बजट के जरिये युवाओं, किसानों, कामगारों और महिलाओं को लुभाने और साधने की कोशिश होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि सरकार का अगला बजट युवाओं को समर्पित होगा। विधानसभा चुनाव के मौके पर भाजपा की ओर से पेश किये गए घोषणापत्र में शामिल कई उन योजनाओं को सरकार के आगामी बजट में जगह मिल सकती है, जिन्हें पिछले साल किसानों की कर्जमाफी के भारी-भरकम खर्च के चलते सरकार चाहते हुए भी अपने पहले बजट में शामिल नहीं कर पायी थी।
शुरुआत आठ फरवरी को
विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत आठ फरवरी को सुबह 11 बजे संयुक्त सदन में राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण से होगी। इसी दिन विधानसभा में दोपहर 12.30 बजे से विधायी कार्य होगा और नौ फरवरी से अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। दस और ग्यारह फरवरी को दोनों सदनों की बैठक नहीं होगी। 12-13 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा और 14 फरवरी को महाशिवरात्रि का अवकाश रहेगा। अभिभाषण पर 15 फरवरी को चर्चा जारी रहेगी। 16 फरवरी को दोपहर 12.20 बजे दोनों सदनों में बजट प्रस्तुत किया जाएगा और आधा दिन विधायी कार्य होंगे। 17 फरवरी से एक सप्ताह बैठक नहीं होगी।