अगर आपको ये सभी लक्षण नजर आएं तो बिल्कुल भी शर्म न करें। नजरअंदाज किया तो जानलेवा बीमारी हो सकती है, जो जिंदगी बर्बाद कर देगी।
आमतौर पर लोग मानसिक बीमारी का ताल्लुक पागलपन से मानते हैं। सोचते हैं कि डाक्टर को दिखाने के दौरान किसी ने देख लिया तो लोग क्या कहेंगे। इस वजह से लोग इलाज कराने से कतराते हैं। जबकि 80 प्रतिशत लोग कॉमन मेंटल डिस्आर्डर से पीड़ित होते हैं। दरअसल अधिकतर लोगों को पता ही नहीं है कि मानसिक बीमारियां कौन सी हैं और उनके लक्षण कौन से हैं।
इलाज नहीं कराने की स्थिति में कई लोग पूरी जिंदगी बीमारी का दंश झेलते रहते हैं। इससे उनकी क्वालिटी आफ लाइफ खराब हो जाती है। जबकि अधिकतर बीमारियों का इलाज दवाइयों से संभव है। मंगलवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर जानते हैं कि आखिर मानसिक बीमारियां कौन सी हैं और उसका इलाज क्या है।
ये होते हैं कॉमन मेंटल डिस्आर्डर
विशेषज्ञों का कहना है कि 100 में से 25 व्यक्ति कॉमन मेंटल डिस्आर्डर से पीड़ित होते हैं। इनमें मुख्य रूप से डिप्रेशन, नशे का आदी होना, सिरदर्द, डर लगना, रिलेशनशिप में प्राब्लम, बार-बार हाथ धोने की आदत, दरवाजे की कुंडी को चेक करना, झगड़े की वजह से तनाव में रहना, घबराहट, चिंता करना और नई परिस्थितियों में एडजस्ट न होना जैसे लक्षण कॉमन मेंटल डिस्आर्डर में आते हैं।
भूख न लगना और नींद न आना, अक्सर कमजोरी महसूस होना, असहाय व आशाहीन महसूस होना, आपको याद नहीं कि आप आखिरी बार खुश कब थे, बिस्तर से उठने या नहाने जैसी डेली रुटीन की चीजें भी आपको टास्क लगती हैं, आप लोगों से कटने लगे हैं, आप खुद से नफरत करते हैं और अपने आप को खत्म कर लेना चाहते हैं, गूगल पर खुदकुशी के तरीके सर्च करते हैं तो आपको तुरंत मदद लेनी चाहिए।
इमरजेंसी : यदि इमरजेंसी में किसी मानसिक विकार से पीड़ित मरीज को इलाज के लिए जरूरत पड़ जाए और वह अस्पताल जाने के लिए तैयार न हो तो इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से क्राइसिस रेजोल्यूशन एंड होम ट्रीटमेंट टीम इलाज का इंतजाम करती है। इसके लिए घर पर एंबुलेंस और डाक्टर की टीम जाती है और प्राथमिक उपचार देकर वापस आ जाती है। इसके लिए मोबाइल नंबर 9888876632 पर सुबह नौ-पांच बजे तक कॉल कर सकते हैं। जीएमसीएच 32 का साइक्रेटी डिपार्टमेंट परिवर्तन एनजीओ के साथ तीन साल से काम कर रहा है। अब तक 280 से ज्यादा फैमिली को ट्रीटमेंट दे चुका है। यह सुविधा पूरे ट्राइसिटी के लिए है।
यदि पेशेंट चलने लायक होगा तो उसे ओपीडी में जाकर दिखा सकते हैं। ओपीडी पीजीआई और जीएमसीएच 32 दोनों जगह है। सेक्टर 32 मेडिकल कालेज में कुछ स्पेशल क्लीनिक हैं। इसमें एक चाइल्ड क्लीनिक है, जो वीरवार को दो से पांच बजे तक संचालित होता है। डी-एडिक्शन क्लीनिक मंगलवार को, सेक्स रिलेटेड क्लीनिक शुक्रवार को, बुजुर्गों से संबंधित क्लीनिक शनिवार को संचालित होता है। इसके अलावा यदि कोई फोन पर सलाह लेना चाहता है तो वह आशा हेल्पलाइन नंबर 2660078, 2660178 पर कॉल कर सकते हैं।
सेक्टर 32 स्थित डिसेब्ल्टिी असेस्टमेंट रिहैबिलिटेशन एंड ट्राइएज (डार्ट) में ला सकते हैं। यहां पर उन लोगों को स्पेशल स्किल ट्रेनिंग दी जाती है, जिनकी मानसिक हालत ज्यादा खराब होती है। जैसे कि आटिज्म से पीड़ित, सीजोफ्रीनिया, बायोप्लर डिस्आर्डर से पीड़ित। ऐसे लोगों को डार्ट में स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें बातचीत करने और रहन-सहन का तरीका सिखाया जाता है। जो इसमें महारत हासिल कर लेते हैं, उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सके। यहां पर कोई भी दाखिला ले सकता है।