उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के मुताबिक 10वीं और 12वीं की ऑनलाइन क्लासेस 18 अगस्त से शुरू हो जाएंगी. कोरोना महामारी के चलते पढ़ाई में देरी न हो इसलिए 31 जनवरी 2021 तक कोर्स को पूरा कराने का लक्ष्य भी सरकार द्वारा रखा गया है. इस सम्बन्ध में सभी स्कूलों को सूचित कर दिया गया है. निर्धारित समय में कोर्स पूरा न कराने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि इससे पहले विद्यालयों को दो पाली में संचालित करने, एक कक्षा को भी दो से तीन शिफ्ट में चलाने या एक-एक दिन छोड़कर चलाने की योजना पर विचार किया जा रहा था. कई सरकारी स्कूलों ने पहले ही स्कूलों को खोलने को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं. इन स्कूलों में विद्यार्थियों को शारीरिक दूरी बनाकर बैठाने के लिए सीट पर नंबरिंग की तैयारी हो रही है.
स्कूलों में आने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों, स्टाफ के प्रवेश के समय उनकी थर्मल स्कैनिंग कराने के साथ सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करने की बात की जा रही थी. ऐसी योजना थी कि स्कूलों में बच्चों तथा सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को मास्क पहनाकर कक्षाएं शुरू की जाएं, लेकिन अभी तक इस पर कोई अमल नहीं हो सका है. अब ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने पर सरकार ने सहमति दे दी है.
अगर भविष्य में कक्षाएं शुरू होती हैं तो हर बच्चे को फुल शर्ट और फुल पैंट, जूते मोजे पहनकर आना होगा. एक कक्षा में एक शिक्षक और अधिकतम बीस बच्चे होंगे. कुछ स्कूलों ने सैनिटाइज टनल लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक से सलाह भी मांगी गई थी.
उधर, राजधानी लखनऊ के निजी स्कूल प्रबंधनों ने स्कूल खोलकर कक्षाएं संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से इस सम्बंध में उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया था.
इससे पहले निजी स्कूल संगठन के प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से प्राइमरी कक्षाएं और 24 अगस्त से प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने का प्रस्ताव भेजा था जो कि मंजूर नहीं हुआ.
वहीं कुछ स्कूलों ने दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाने का प्रस्ताव रखा है. इसमें छात्रों को अलग-अलग सेक्शन में विभाजित करने, सभी स्कूल परिसरों में सैनिटाइजेशन की उचित व्यवस्था करने और बच्चों की सुरक्षा को वरीयता देने का सुझाव है.
इस व्यवस्था का विकल्प बड़ी संख्या में लोगों ने सुझाया है. उधर, अभिभावक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना का खतरा अभी बरकरार है. निजी स्कूल प्रबंधन इजराइल जैसी गलती न करें. वहां स्कूल खोलने पर सैकड़ों बच्चे संक्रमित हुए हैं. अभिभावकों ने इस सत्र को शून्य करने की मांग उठाई है.