कोरोना संकट के दौर में एक नवजात की मौत इसलिए हो गई क्योंकि उसे समय पर एंबुलेंस नहीं मिली और बाइक से ही इलाज कराने के लिए उसके परिजन भटकते रहे.
पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और सीएमओ ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
मामला गौतम बुद्ध नगर का है जहां एक नवजात शिशु को अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो उसके परिजन बाइक से ही इलाज कराने के लिए दौड़ने लगे लेकिन नवजात शिशु ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
यह शिशु स्वस्थ ही पैदा हुआ था लेकिन बाद में उसकी तबीयत खराब हो गई. शिशु के इलाज के लिए पिता रात 10 बजे से 4 बजे तक कई हॉस्पिटलों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. 4 बजे के बाद डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया.
दुखद यह रहा कि मरने के बाद भी शिशु को एंबुलेंस नसीब नहीं हुई. मजबूर पिता अपने नवजात के शव को बाइक पर ही लाने को मजबूर हो गया.
नोएडा के सेक्टर 36 में रहने वाले राजकुमार नाम के शख्स ने अपनी गर्भवती बीवी रेखा को ग्रेटर नोएडा के कृष्णा लाइफ लाइन अस्पताल में 25 मई को भर्ती करवाया था.
लिहाजा रात 10 बजे शिशु को ग्रेटर नोएडा के ग्रीन सिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया और बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया. थोड़ी देर बाद अस्पताल ने परिवार से कहा कि बच्चे की किसी और अस्पताल के इलाज के लिए ले जाएं.
लेकिन अस्पताल ने वेंटिलेटर में रखे बच्चे को एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई, बदरहाल बच्चे को किसी तरह सामुदायिक केंद्र ले जाया गया जहां बाल रोग विशेषज्ञ नहीं था, जिसके बाद बच्चे की सेक्टर 30 सुपर स्पेशलिस्ट बाल चिकित्सालय भेजा गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.
लेकिन दुखद यह रहा कि मरने के बाद भी शिशु को एंबुलेंस नसीब नहीं हुई. शिशु के रास्ते में ही दम तोड़ देने के बाद मौके पर रोते हुए राजकुमार नाम के शख्स ने वीडियो बनाया और बदहाल अस्पतालों की व्यवस्था की पोल खोलने के लिए वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया और जो वायरल हो गया.
वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा जिसके बाद जांच बैठाई गई जिसमें पाया गया कि कृष्णा लाइफ लाइन हॉस्पिटल दोषी है. नोएडा के सीएमओ ने जांच में कहा कि हॉस्पिटल को नोटिस दिया गया है और कड़ी कार्रवाई की जा रही है.