नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) के खिलाफ देश में बवाल जारी है. उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन मुस्तैद है और हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. एहतियात के तौर पर उत्तर प्रदेश में रविवार को फिर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इंटरनेट सेवा सोमवार तक बंद रखने का ऐलान किया गया है.

यूपी में फैली हिंसा में अब तक 263 पुलिसकर्मी जख्मी हैं. 57 पुलिसकर्मियों को भी गोली लगी है जो प्रदर्शनकारियों की ओर से चलाई गई है. अभी तक की कार्रवाई में 405 रिवॉल्वर और कट्टे बरामद किए गए हैं.
शनिवार को कानपुर और रामपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. रामपुर में एक की मौत हो गई. अन्य जिलों में छिटपुट घटनाएं हुई हैं. पुलिस के मुताबिक, विरोध प्रदर्शनों के दौरान 11 दिनों के भीतर 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 705 गिरफ्तारियां हुई हैं. 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
आईजी (कानून व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने कहा, “पूरे प्रदेश में 10 दिसंबर से लेकर अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. हिंसक प्रदर्शनों में 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस हिंसाग्रस्त इलाकों में गश्त कर लोगों से शांति की अपील कर रही है.” मोबाइल ऑपरेटरों को गृह मंत्रालय की ओर से आदेश भेजे गए हैं. लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफरनगर, गाजियाबाद, बरेली, मऊ, संभल, आजमगढ़, आगरा, कानपुर, उन्नाव, मुरादाबाद, प्रयागराज शामिल हैं. अन्य जिलों में भी इंटरनेट सेवाओं को बंद रखने का फैसला वहां के डीएम पर छोड़ा गया है. स्थितियों के अनुरूप वे इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित कर सकते हैं.
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