नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने में नाकाम साबित हुई है। यही कारण है कि विधानमंडल सत्र बुलाते हैं और बीच में ही उसे खत्म भाग जाते हैं। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान योगी सरकार द्वारा दोनों सदनों में चालू वित्तीय वर्ष के लिए दूसरा अनुपूरक बजट को असंविधानिक करार देते हुए सपा नेता ने कहा कि सिर्फ चार दिन का सत्र, लेकिन प्रश्नकाल में ही बजट पास करा लिया गया।

बुधवार को सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में रामगोविंद चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनना चाहती है। सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विषय से अलग हटकर बोलते हैं। कहा कि 2017 में 23 दिन सदन चला, 2018 में 25 दिन और 2019 में सिर्फ 23 दिन सत्र चला। इसमें गांधी जयंती का विशेष सत्र भी शामिल है।
रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाया कि सीएए और एनआरसी पर विरोध-प्रदर्शन हुए तो दमनकारी नीति अपनाई गई। हमने सीएए पर शांतिपूर्ण धरना दिया।
जो दंगे हुए वह भाजपा, आरएसएस और सरकार की देन है। हमारा विश्वास अहिंसा, समानता, धर्म निरपेक्षता में है। जामिया यूनिवर्सिटी में दंगे का विडियो आया है जिसमें आरएसएस के लोग पुलिस की वर्दी में दिख रहे हैं।
इन्होंने कहा कि यदि अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो धरना प्रदर्शन, आंदोलन और सत्याग्रह कर के अपनी बात पहुंचाएंगे। जामिया, एएमयू, नदवा को छोड़ दें तो देश के अन्य शिक्षण संस्थानों के जितने छात्र सीएए के खिलाफ उतरे उनमें 99 फीसद हिंदू थे। कहा कि जब देश की आजादी के लिए संघर्ष हुआ तो अंग्रेजों ने भी संपत्ति से रिकवरी नहीं की थी, लेकिन यह सरकार अंग्रेजों से बढ़कर है।
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