उत्तराखंड के हरिद्वार-ऋषिकेश में होने वाली गंगा आरती की तरह प्रतिदिन यमुना आरती करने के लिए भी उचित प्रयास करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए यमुना के घाटों की साफ-सफाई करने के साथ जनसहयोग को बढ़ावा देने की नीति अपनाने का विचार किया गया है…
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रकल्प गंगा समग्र के राष्ट्रीय अधिवेशन में यमुना की सफाई करने के लिए संकल्प लिया गया है। आने वाले समय में गंगा समग्र की गंगा सेविकाएं यमुना की स्वच्छता पर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ जनसहयोग से यमुना की साफ-सफाई सुनिश्चित कराने का प्रयास करेंगी। उत्तराखंड के हरिद्वार-ऋषिकेश में होने वाली गंगा आरती की तरह प्रतिदिन यमुना आरती करने के लिए भी उचित प्रयास करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए यमुना के घाटों की साफ-सफाई करने के साथ जनसहयोग को बढ़ावा देने की नीति अपनाने का विचार किया गया है।
गंगा समग्र का तीन दिवसीय अधिवेशन गोरखपुर उत्तर प्रदेश में रखा गया था। रविवार को संपन्न हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को गंगा और यमुना सहित देश की सभी नदियों के जल को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए जनसहयोग के जरिए उचित रास्ते तलाशने के विषय में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेंद्र प्रसाद, राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष सहित हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।
यमुना दिल्ली की नब्ज, साफ करना जरूरी- दुआ
गंगा समग्र की दिल्ली प्रांत संयोजिका नेहा शालिनी दुआ को राजधानी में यमुना की स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने की जिम्मेदारी दी गई है। गंगा समग्र के अधिवेशन में संगठन के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री आशीष गौतम का स्वागत करने के बाद नेहा शालिनी दुआ ने कहा कि स्वच्छता के पैमाने के तौर पर वायु की शुद्धता को महत्व दिया जाता है। उसे मापकर ही यह बता दिया जाता है कि कोई शहर प्रदूषित है, या नहीं।
नेहा शालिनी दुआ ने कहा कि अब इस पैमाने का विस्तार करते हुए जल, मिट्टी और वायु सबको इसमें शामिल कर लेना चाहिए, क्योंकि ये सभी किसी प्राणी और किसी शहर को साफ रखने के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही यमुना की सफाई के लिए सबके सहयोग से प्रयास करेंगी।