नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से ही मोदी सरकार ने योजनाओं को आम जनता से सीधे जोड़ने के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य किया था। लेकिन लोगों की बढ़ती दिक्कतों के चलते सरकार ने अपनी फैसला वापस ले लिया है।
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सरकार द्वारा हाल ही में मिड-डे मील व राशन में मिलने वाली सब्सिडी के लिए सरकार द्वारा आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया गया था। जिसके बाद इस अनिवार्यता को रद्द करते हुए मोदी सरकार ने अब कहा गया है कि आम जनता को मिड डे मील व राशन में मिलने वाली सब्सिडी के लिए आधार कार्ड होना ज़रूरी नहीं है।
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केंद्र सरकार ने बीते कुछ समय पहले राशन व मिड डे मील के लाभ के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन सरकार ने मंगलवार को यह साफ़ किया है कि आधार संख्या के आभाव में आम जनता को सब्सिडी से वंचित नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद दोनों ही कार्यक्रमों के लिए जनता के दूसरे पहचान पत्र मान्य किये जायेंगे।
आपको बता दें कि सरकार द्वारा बीते दिनों लिए गए इस निर्णय का बाकी पार्टियों द्वारा विरोध किया गया था। जिसके तहत सरकार को अब इस निर्णय दोबारा पर विचार कर इसकी अनिवार्यता खत्म कर दी।
आपको बता दें कि सरकार के इस नियम को लेकर दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा मोर्चा खोल दिया गया था। जिसके बाद सरकार द्वारा इस निर्णय पर पुनर्विचार कर इसमें बदलाव कर दिए गए हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2014 के फैसले में कहा था कि आधार कार्ड को किसी भी काम के लिए इस्तेमाल किया जाना पूरी तरह से ऐच्छिक है, जबकि सरकार आए दिन किसी न किसी काम में इसे अनिवार्य कर रही है।
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2015 में अपने आदेश को दोहराते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि जब तक मामला कोर्ट में है तब तक कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी काम के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश में कहा गया था कि किसी भी भारतीय नागरिक को सरकार की किसी भी सेवा का लाभ बिना आधार कार्ड के मिल सकता है, उसे सिर्फ अपने जरूरी दस्तावेज देने होंगे।