विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को भी NEET देना अनिवार्य होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने MCI के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. नया नियम इस साल से लागू होगा. गौरतलब है कि NEET अभी तक उन्हीं छात्रों को देना होता था जो भारत में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक हैं. NEET साल 2016 में शुरू किया गया था. इसके जरिए भारत के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिया जाता है.
मोदी सरकार का बड़ा फैसला, विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के लिए NEET अनिवार्य
एक आधिकारिक बयान जारी कर मंत्रालय ने कहा, ‘हमें पता चला है कि विदेशों में मेडिकल संस्थान या यूनिवर्सिटीज पर्याप्त जांच के बिना ही भारतीय छात्रों को एडमिशन देते हैं. इसिलए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रस्ताव को हमने मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव में कहा गया था कि NEET को उन छात्रों के लिए भी अनिवार्य कर दिया जाए जो विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं’.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर लौटने वाले छात्रों में से केवल 12 से 15 फीसदी ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन यानी FMGE क्लीयर कर पाते हैं. और ये एग्जाम क्लीयर ना कर पाने पर डॉक्टर भारत में प्रैक्टिस नहीं कर सकते.
बता दें कि अभी तक ये व्यवस्था है कि जो भी छात्र विदेश जाकर मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें MCI से Essentiality Certificate लेना होता है. हर साल करीब सात हजार भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश पहुंचते हैं. इनमें से ज्यादातर चीन और रूस जाते हैं.
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