अधिकारियों ने कहा, कैबिनेट की मंजूरी के बाद ट्रस्ट गठित करने के साथ ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि देने की घोषणा की जाएगी। इसमें लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। वक्फ बोर्ड को भूमि के तीन प्लॉट का प्रस्ताव दिया जाएगा, जिनमें से वह एक उपयुक्त जगह चुन सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को अपने फैसले में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक भूमि देने का निर्देश दिया था।
इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सभी चीजें कैबिनेट के समक्ष रखी जाएंगी, जिससे अंतिम निर्णय किया जा सके। अयोध्या से जुड़े सभी मामलों और संबंधित अदालती आदेशों को लेकर गृहमंत्रालय में एक समर्पित डेस्क पर काम किया जा रहा है। अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में तीन अधिकारी डेस्क संबंधी दायित्व निभाते हैं।