इधर, नाजनीन ने दारुल उलूम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है। उनका कहना है कि इस्लाम ऐसे फतवे देने वालों के दम पर नहीं चलने वाला।
इस बारे में काजी-ए-शहर मौलाना गुलाम यासीन का कहना है कि इस्लाम में बुतपरस्ती मना है। अगर कोई मुसलमान ऐसा करता है तो वो मुसलमान नहीं है। नाजनीन अंसारी सिर्फ नाम से मुसलमान हैं, उनका काम कुफ्र का है। इसमें कोई दो राय नहीं कि वे इस्लाम से खारिज ही हैं।
हर वो व्यक्ति जिसका जन्म भारत में हुआ है, भगवान श्रीराम का वंशज है। इस नाते हम उनकी आरती उतारकर उनका स्वागत करते हैं। हम पिछले 11 साल से अब हिंदू-मुस्लिम एकता को और मजबूत करने में जुटे हैं।’
उधर, शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता फरमान हैदर का कहना है कि हम लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, यहां कुछ भी करने की आजादी है लेकिन हर मुसलमान को इस्लाम के दायरे में ही जिंदगी बसर करनी चाहिए और इस्लाम में मूर्ति पूजा हराम है। ये सिर्फ सस्ती शोहरत हासिल करने का तरीका है।