आज भी ये शहर अपने अंदर कई राज़ छुपाए बैठा है जिसमें से एक रहस्य मुम्बई शहर के बीचोंबीच खड़ा है और चुपचाप करोड़ों लोगो पर नजर जमाए है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मुम्बई के गिल्बर्ट हिल की. यह ढांचा बेहद बड़ी पहाड़ी पर है जोकि मुम्बई के पश्चिम अंधेरी में स्थित है. वैसे हकीकत में यह ढांचा कोई रहस्य नहीं है लेकिन इसके पीछे छुपी कहानी के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं.
आज से 6 करोड़ साल पहले एक टूटता तारा पृथ्वी से टकराया था जिससे पूरी डायनासोर्स की प्रजाति विलृप्त हो गई थी और ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था. इस दौरान गिल्बर्ट हिल ने जन्म लिया और माना जाता है कि बेसाल्ट पत्थर का यह ढांचा दुनिया की सबसे पुरानी संरचनाओं में आता है जो समय के साथ आज तक खड़ा है.
यह पहाड़ी मानव जाति की सोच से और यहां मौजूद किसी भी पेड़-पौधे या पर्वत श्रृंख्ला से ज्यादा पुरानी है.
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माना जाता है कि बेसाल्ट रॉक से बना गिल्बर्ट हिल एक मोनोलिथ कॉलम है और वास्तव में आज से 6 करोड़ साल पहले के मेसोजोइक युग में बना था. इस पहाड़ी की खोज भूवैज्ञानिक ग्रोव कार्ल गिल्बर्ट ने की थी और तभी से इस चट्टान का नाम गिल्बर्ट हिल पडा.
आज के समय में यह पहाड़ी एक पर्यटक स्थल बन चुका है. अन्य संरचनाओं के विपरीत यहां आप आराम से छुट्टियां बिता सकते हैं. पहाड़ी के ऊपर दो मंदिर बने हुए हैं जो गांव देवी और दुर्गा माता को समर्पित हैं. कोई भी व्यक्ति पहाड़ी की चढाई कर इन मंदिरों के दर्शन कर सकता है.
वर्तमान में पर्यावरणविदों और भूवैज्ञानिकों के प्रयासों के बाद गिल्बर्ट हिल को अद्वितीय विरासत संरचना का दर्जा मिला है और इस संरचना को बचाए रखने के लिए कई बड़े कदम भी उठाए गये हैं.
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