पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि सरकार दिवालिया हो रही है, अब भाजपा सरकार को पाकिस्तान और चीन की बातें करना छोडऩा होगा और देश के बारे में सोचना होगा। मुंबई से गांधी शांति संदेश यात्रा लेकर मंगलवार को वह कानपुर पहुंचे। यहां पर समाजवादी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया और शांति संदेश लोगों तक पहुंचने के लिए समर्थन किया।
पत्रकारों से बातचीत में पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने सीएए पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को विरोध रोकने के लिए हिंसा नहीं बल्कि बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिये। लेकिन, प्रदेश सरकार ठीक उसी तरह लोगों को दबाने का प्रयास कर रही है, जिस तरह अंग्रेजों ने महात्मा गांधी के आंदोलन को दबाया था। उन्होंने कहा कि सरकार झूठ व हिंसा पर नहीं चलती है। पहले अटलजी की भाजपा और मौजूदा समय की भाजपा में दिन और रात जैसा अंतर आ गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार गैर प्रजातांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल न करे और विरोध के स्वर भी शांति के तरीके से निपटाए ताकि शांति कायम रहे। कहा, केंद्र सरकार पाकिस्तान और चीन के बारे में बात न करके अब देश के बारे में सोचे। सरकार दिवालिया हो गई है और अर्थ व्यवस्था चौपट हो चुकी है। अब वित्त मंत्री को फैसला लेने की आजादी नहीं है, वित्त से जुड़ी बैठक में वित्त मंत्री जाती नहीं है। अब इस जगह मैं होता तो कब का इस्तीफ दे देता।
गांधी शांति संदेश यात्रा लेकर फूलबाग में गांधी प्रतिमा पर आयोजित सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार सीएए से धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रही है। सीएए का लाया जाना सरकार की सिर्फ नौटंकी है। क्या इससे पहले दूसरे देश से आने वाले लोगों को नागरिकता नहीं दी गई है। क्या सोनिया गांधी और गुलाब नबी को नागरिकता नहीं मिली है। सीएए लाकर सरकार क्या दिखाना चाहती है, इससे सिर्फ जनता को बांटने का काम किया जा रहा है।
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