देश में छाए कोरोना महामारी के संकट के बीच महाराष्ट्र की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में मुख्यमंत्री से लेकर विधायक और अन्य सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की जाएगी. महाराष्ट्र कोरोना महामारी का सबसे बड़ा शिकार हुआ है, ऐसे में इस संकट के बीच राज्य के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने इस फैसले के बारे में जानकारी दी.
राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों की तन्ख्वाह में 60 फीसदी तक की कटौती होगी. ए और बी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसदी, सी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी. हालांकि, सरकार ने इस फैसले से डी क्लास के कर्मचारियों को अलग रखा है और उन्हें पूरी तन्ख्वाह मिलेगी.
यह भी पढ़ें: असहाय और जरूरतमंदों के लिए फरिश्ते बने देहरादून में सैनिक कॉलोनी के लोग
महाराष्ट्र हुआ कोरोना का सबसे बड़ा शिकार
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस से जुड़े केस की संख्या 1400 के करीब है और इसमें सर्वाधिक केस महाराष्ट्र से सामने आए हैं. राज्य में 240 के करीब लोग अबतक कोरोना से पीड़ित पाए जा चुके हैं, जबकि दस लोग अबतक अपनी जान गंवा चुके हैं.
पिछले दो-तीन दिनों में महाराष्ट्र में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. अबतक मुंबई और पुणे क्षेत्र से सर्वाधिक केस रिपोर्ट किए गए हैं.
तेलंगाना में भी सैलरी काटने का फैसला
महाराष्ट्र से इतर तेलंगाना में भी कोरोना वायरस के महासंकट को देखते हुए सैलरी में कटौती करने का फैसला किया गया. यहां मंत्रिमंडल, विधायक, एमएलसी, निगम अध्यक्ष समेत अन्य सभी पदों पर 75 फीसदी तक सैलरी कटौती का प्रस्ताव पास किया गया है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है और इस बीच सबकुछ ठप पड़ा है. ऐसे में प्राइवेट सेक्टर से लेकर सरकारी सेक्टर और आम आदमी तक कारोबार को लेकर संकट हो गया है.