मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दोनों नार्को टेस्ट कराते हुए इस्तीफा दें अपने दामन की सच्चाई बयां करें : बीजेपी नेता राम कदम

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह की सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी के बाद अब सूबे में सियासी भूचाल आ गया है. शिवसेना सांसद संजय राउत के शायराना ट्वीट पर बीजेपी नेता व पार्टी के प्रवक्ता राम कदम ने भी शायराना अंदाज में ही संजय राउत पर तंज कसा है. साथ ही उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री अनिल देशमुख के नार्को टेस्ट की मांग करते हुए वसूली में हिस्सेदारी के बारे में भी सवाल किया है.

दरअसल, संजय राउत ने गीतकार जावेद अख़्तर की एक शायरी को ट्वीट करते हुए लिखा, ”शुभ प्रभात, हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं.” उनके इस ट्वीट पर जवाब देते हुए राम कदम ने ‘किस्मत तेरी रीत निराली’ लिखते हुए तंज कसा है.

राउत के ट्वीट पर राम कदम ने लिखा है, ”मेरे टूटे हुए दिल से कोई तो आज ये पूछे के तेरा हाल क्या है के तेरा हाल क्या है मेरे टूटे… किस्मत तेरी रीत निराली, ओ छलिये को छलने वाली फूल खिला तो टूटी डाली जिसे उलफ़त समझ बैठा, क्यूं मेरी नज़रों का धोखा था किसी की क्या खता है मेरे टूटे… माँगी मुहब्बत पाई जुदाई, दुनिया मुझको रास न आई, पहले कदम पर ठोकर खाई, सदा आज़ाद रहते थे हमें मालूम ही क्या था मुहब्बत क्या बला है मेरे टूटे… #MahaVasooliAghadi ”

मेरे टूटे हुए दिल से कोई तो आज ये पूछे के तेरा हाल क्या है

के तेरा हाल क्या है मेरे टूटे… किस्मत तेरी रीत निराली,
ओ छलिये को छलने वाली फूल खिला तो टूटी डाली जिसे उलफ़त समझ बैठा,
Qमेरी नज़रों का धोखा था किसी की क्या खता है मेरे टूटे…
माँगी मुहब्बत पाई जुदाई, दुनिया मुझको https://t.co/8tAi2JAuhS

— Ram Kadam – राम कदम (@ramkadam) March 21, 2021
राम कदम ने किए एक के बाद एक ट्वीट

बीजेपी नेता राम कदम ने इस मामले को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने लिखा है, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दोनों स्वंय का नार्को टेस्ट कराते हुए तुरंत इस्तीफा दें और अपने दामन की सच्चाई बयां करें. सरकार अब अग्निपरीक्षा से बच नहीं सकती है. आजाद भारत के इतिहास में महाराष्ट्र तथा मुंबई पुलिस की छवि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में धूमिल हुई है.

उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है, हिस्सेदारी थी? यह कब बताएंगे? बड़े उद्योगपति महाराष्ट्र में अब सुरक्षित नहीं है. अब आने वाले भविष्य में क्या कोई उद्योगपति महाराष्ट्र में नया उद्योग लाने की हिम्मत जुटा पाएगा? दुर्भाग्य से जवाब ना है. करोड़ो गरीबों के भविष्य के रोजगार को इस सरकार ने छीन लिया है.

मंदिरों से पहले बियरबार खोलने की जल्दबाजी का कारण आज सभी को पता चल गया. देश के संतों साधुओं की मांग तथा पालघर के संतों की चीख दुर्भाग्य से आप सुन पाते तो यह जिन नहीं आते, संतों के श्राप से कोई बच नहीं पाता. ईश्वरीय न्याय से कोई बच नहीं सकता.

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