• तत्कालीन गृह सचिव मधुकर गुप्ता ने कहा कि जिससे बात की जानी चाहिए थी, की गई
• उन्होंने कहा, ‘खबरें आ रही थीं कि NSG लेट हो गई, मैं मुंबई में मौजूद होता तो क्या कर लेता’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम एक बड़े प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। हमले के बारे में पता चलते ही मैंने वरिष्ठ नेतृत्व से बात की। जैसे ही हमें पता चला कि आतंकी हमला है, हमें जिससे बात करनी चाहिए थी, हमने की। हमले के वक्त मैं भारतीय अधिकारियों के संपर्क में था। कोई नहीं जानता था कि मुंबई पर हमला होगा। हमें भी थोड़ा अजीब लगा था कि वे हमारा मरी में रुकने का इंतजाम क्यों कर रहे थे।’
मधुकर गुप्ता ने कहा, ‘पता नहीं, आठ साल बाद यह कहने से क्या हासिल होगा कि क्या हमें जानबूझकर मरी भेजा गया था! पता नहीं ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि हम वहां छुट्टियां मना रहे थे, हम कुछ अतिरिक्त घंटे रुके थे, क्योंकि मेजबानों ने रुकने के इंतजाम किए थे। पाकिस्तान का धोखा देने वाला चेहरा सबसे सामने स्पष्ट है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पाकिस्तान से हमने तब कहा था कि वहां कोई है जो नहीं चाहता कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते ठीक हों।’
इस हमले के वक्त गृह मंत्री रहे शिवराज पाटिल ने कहा है, ‘जो लोग कह रहे हैं कि मरी में देर करने के पीछे साजिश थी, उनके पास सबूत होने चाहिए। मैं कुछ नहीं कह सकता।’ पाटिल ने आगे कहा, ‘आप मोदी जी से पूछिए, बड़ौदा में हमला हो रहा था। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको फोर्स चाहिए, उन्होंने कहा कि सेना भेजिए। मैंने कहा कि इसमें समय लगेगा। उन्होंने कहा, भेज दीजिए, तब तक मैनेज कर लूंगा और उन बेचारों ने मैनेज किया भी।’
मुंबई हमले के बारे में याद करते हुए पाटिल बोले, ‘NSG एक घंटे के भीतर तैयार थी, लेकिन कोई एयरक्राफ्ट नहीं था। इसे चंडीगढ़ से आना पड़ा था, फिर पायलट ने एयरक्राफ्ट चेक किया। लोगों को महसूस करना होगा कि कानून और व्यवस्था राज्य के अधीन होती है। जब जरूरत पड़ी, हमने फोर्स मूव की। बॉम्बे पुलिस इस हमले को हैंडल कर रही थी, फिर भी हमने उसी रात जितनी जल्दी संभव था, तुरंत फोर्स भेजी।’
हमारे सहयोगी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ ने बताया था कि पाकिस्तान में गृह सचिव स्तर की वार्ता करने गए अधिकारी पाक के आग्रह पर वहां एक और दिन रुके थे। पाक अधिकारियों का तर्क था कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तानी गृह मंत्री से मिलना चाहिए, जो उस वक्त यात्रा पर थे। एक पूर्व भारतीय नौकरशाह ने कहा है, ‘हालांकि हम इस्लामाबाद में दो दिन तक रुके थे, मेजबान देश ने हमें पास के मरी में एक हिल रिजॉर्ट में ठहराने की योजना बनाई। अब सोचें तो शक होता है कि क्या उनका असली मकसद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मुंबई हमले पर प्रतिक्रिया को कमजोर करना या इसमें देरी करना तो नहीं था।’