मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज बनाने में आर्मी की मदद लेने के मामले में महाराष्ट्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। 
दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके और पूर्व आर्मी मैन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आर्मी का काम युद्ध की लिए सैनिकों को तैयार करना है। बेहतर यही है कि सैनिकों को आम नागरिकों के कामों से दूर रखा जाए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि वो रक्षा मंत्रालय के संसाधनों का इस्तेमाल सिविलियन वर्क के लिए न करें।
उमर अब्दुल्ला ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आर्मी एक आखिरी ऑप्शन होता है, जिसे इमरजेंसी के हालात पैदा होने पर बुलाया जाता है। यहां स्थितियां दूसरी हो गई हैं यहां पहले नंबर पर स्पीड डायल के तौर पर उसे बुला लिया गया।
इसके साथ ही कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने भी बीजेपी-शिवसेना पर निशाना साधते हुए कह कि फुटओवर ब्रिज के लिए आर्मी को बुलाना महाराष्ट्र सरकार की पोल खोल रहा है।
मौके पर मौजूद सीएम फडणवीस ने कहा कि आर्मी जनवरी तक तीन पुलों का निर्माण करेगी। सीतारमण ने कहा कि आर्मी यहां आई और हालातों को देखा और अब पुल का जब तक निर्माण नहीं हो जाता यह काम आर्मी की देख रेख में ही होगा।
सीतारमण ने आगे कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब आर्मी को सिविल वर्क के लिए बुलाया गया है, क्योंकि एलफिंस्टन हादसा काफी बड़ा था। बता दें कि 29 सितंबर को हुए हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 40 से ज्यादा घायल हो गए थे।
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