महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के अनुसार 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार करने वाले 14 पुलिसकर्मियों को राज्य सरकार द्वारा आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। गौरतलब है कि गिरफ्तार किये गये आतंकी अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को यरवडा जेल में सुबह 7.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया था।
क्या था मामला
26 नवंबर, 2008 को मुंबई में पाकिस्तानी आतंकियों ने बेकसूरों की हत्या कर आतंक के नंगे नाच का प्रदर्शन किया था। इस हमले के दौरान मुंबई पुलिस के दल ने एक आतंकी को जिंदा गिरफ्तार किया था जबकि बाकी आतंकी पुलिस की गोली का शिकार हो गये थे। इस आतंकी का नाम अब्दुल कसाब था। गिरफ्तार किये गये इस आतंकी पर चार साल तक मुकदमा चला उसके बाद 21 नवंबर 2012 को यरवडा जेल में सुबह 7.30 बजे फांसी की सजा दे दी गई थी।
इन दस आतंकियों ने मुंबई की सड़कों समेत वीटी स्टेशन और होटल ताज जैसे जगहों पर अंधाधुंध फायरिंग कर 166 बेकसूर लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। मुंबई के लोगों के लिए ये रात भयावह आैर वाकई काली रात थी। इस हमले में मात्र एक आतंकी को ही जिंदा पकड़ा गया था। बाद में इस आतंकी पर चार साल तक मुकदमा चला और फिर उसे फांसी दे दी गयी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस हमले में साजिश रचने वाले आतंकियों की बकायदा प्रशिक्षित किया गया था। इस साजिश को रचने वाले आतंकी आज भी पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं। इस साजिश का सबसे बड़ा चेहरा आतंकी हाफिज सईद इस घटना के बाद कई बार पाकिस्तान में देखा गया।
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